Aurangzeb की कब्र ने बचा ली देवेंद्र फडणवीस की सरकार!

Aurangzeb की कब्र ने बचा ली देवेंद्र फडणवीस की सरकार!

Share this news :

Aurangzeb: आखिरकार भाजपा ने फिर एक बार हिंदू-मुस्लिम, मंदिर- मस्जिद और Aurangzeb की कब्र के नाम पर अपनी डूबती हुई नैया को बचा ही लिया. जिसके बाद महाराष्ट्र में भयंकर सांप्रदायिक हिंसा हो रही. अमन का पैगाम देने वाला शहर नागपुर में अचानक हिंसा भड़क गई और देखते ही देखते दो गुट एक- दूसरी की जान लेने पर आतुर हो गए.

Aurangzeb को लेकर नागपुर में क्यों भड़की हिंसा?

औरंगजेब की कब्र को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रहे विवाद ने हिंसक रूप ले लिया. लेकिन ये सब क्यों हो रहा है? इसके पीछे की असल वजह क्या है? आप अभी तक नहीं जानते. बता दें कि आज जो महाराष्ट्र के नागपुर में हो रहा है उसके पीछे की वजह Aurangzeb की कब्र नहीं बल्कि कुछ और ही है. जिस पर पर्दा पड़ा हुआ है. लेकिन अब हम इस विवाद पर जो खुलासा करने जा रहे हैं. उसे सुने के बाद आप भी भाजपा की चाल को अच्छे से समझ जाएंगे कि आखिर क्यों नागपुर में हिंसा भड़की हुई है.

दरअसल, महाराष्ट्र में चुनाव जीतने के बाद भाजपा ने सरकार तो बना दी लेकिन एकनाथ शिंदे को उसने नाराज कर दिया. क्योंकि चुनाव से पहले तक शिंदे मुख्यमंत्री थे लेकिन महाराष्ट्र चुनाव 2024 का रिजल्ट आने के बाद भाजपा ने शिंदे को दूध में मक्खी की तरह निकाल फेंका और देवेंद्र फडणवीस को सीएम बना दिया. लेकिन भाजपा ने एकनाथ शिंदे को खुश करने के लिए उपमुख्यमंत्री का लॉलीपॉप दे दिया.

शिंदे का बगावती मूड में देख BJP ने चली चाल

हालांकि शिंदे को वह रास नहीं आ रहा था. क्योंकि सीएम देवेंद्र फडणवीस. एकनाथ शिंदे के सभी प्रोजेक्ट पर रोक लगा रहे थे. जो उन्होंने मुख्यमंत्री होने पर शुरू करवाए थे. जिसके बाद नाराज शिंदे बगावत पर उतरने लगे. शिंदे का बगावती मूड में देख अटकले लगाई जाने लगी कि वह अब महायुती से अलग हो जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स में तो यह तक दावा किया जाने लगा कि जल्द ही महाराष्ट्र में खेला हो सकता है. बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार में शिंदे और पवार खुश नहीं हैं.

इस बीच कांग्रेस ने दोनों के लिए शानदार ऑफर भी पेश कर दिया। दरअसल, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने दोनों उपमुख्यमंत्रियों, एकनाथ शिंदे और अजित पवार को खुला न्योता दिया. उन्होंने कहा कि अगर आप दोनों मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में घुटन महसूस कर रहे हैं, तो आप कांग्रेस के साथ आ जाइए. हम साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार है. पटोले के इस बयान के बाद बीजेपी में हड़कंप मच गया. फिर क्या था भाजपा ने फिर एक चाल चली और वह चाल थी. बता दें कि हिंदू- मुस्लिम, मंदिर- मस्जिद, जिसमें वह माहिर है.

BJP राज्यों में हिंदू- मुस्लिम होना आम बात

गौरतलब है कि BJP की जिन- जिन राज्यों में सरकार है वहां हिंदू- मुस्लिम और मंदिर- मस्जिद करना आम बात हो गई है. यूपी में तो आए दिन, सुबह- शाम, हिंदू-मुस्लिम तो होता ही रहता है. संभल में दिन में बावड़ी तो, शाम को काशी में कोई मंदिर मिल ही जाता है. खैर छोड़िए अब आते हैं असल मुद्दे पर. Aurangzeb की कब्र, जिसे तूल देने काम किया भाजपा- RSS और उसके सहयोगियों ने छावा फिल्म आने के बाद भाजपा- RSS समेत तमाम हिंदु संगठनों ने मिलकर देशभर मुसलमानों के खिलाफ जहर उगला.

दिल्ली से शुरू हुआ था Aurangzeb विवाद!

मालूम होगा कि पहले दिल्ली में तुगलक रोड, अकबर रोड, Aurangzeb लेन, हुमायूं रोड और शाहजहां रोड के नाम बदले जाने की मांग की जाने लगी और ये होना भी था क्योंकि भाजपा की जो दिल्ली में सरकार बन गई है. बता दें कि गौ रक्षा दल और हिंदू रक्षा दल से जुड़े कार्यकर्ताओं ने न केवल अकबर रोड के बोर्ड पर कालिख पोत दी. बल्कि इसे छत्रपति संभाजी महाराज मार्ग बताने का प्रयास किया था. इन बस के बाद भाजपा नेता भी कहां चुप रहने वाले थे वह भी इस जलती आग में हाथ सेंकने लगे.

वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ छूटपुटिया नेता भी हिंदू- मुस्लिम करने लगे. महाराष्ट्र में BJP नेता नितेश राणे, भाजपा सांसद टी राजा सिंह, यहां तक की महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी अपने बयानों से सांप्रदायिकता की आग में घी डालने का काम किया. क्यों भाजपा नेता समझ चुके थे कि अगर अब महाराष्ट्र में अपनी सरकार बचानी है तो उन्हें हिंदू-मुस्लिम और मंदिर- मस्जिद वाला कार्ड खेलना ही पड़ेगा और आखिरकार 17 मार्च की रात नागपुर से विवाद की खबर भी आ गई.


Also Read:

Nitish Kumar बार-बार क्यों गिर रहे हैं BJP नेताओं के पैरों पर?

मोदी राज में 6.7 मिलियन बच्चों को पूरे दिन नहीं मिलता भोजन, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *