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Jammu-Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. अब बीजेपी ने कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी करने के एक घंटे भीतर ही यू-टर्न ले लिया है. दरअसल, बीजेपी ने सोमवार को 44 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. लेकिन थोड़ी देर बाद बीजेपी की ओर से बताया गया कि उन्होंने लिस्ट को वापस ले लिया है. दरअसल, लिस्ट जारी होने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर (Jammu- Kashmir Election) से बीजेपी नेताओं के बगावत की खबर आने लगी. ऐसे में भाजपा को मज़बूरी में यू टार्न लेना पड़ा.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir Election)
मालूम हो कि बीजेपी की पहली लिस्ट में पहले चरण के लिए 15, दूसरे चरण के लिए 10 और तीसरे चरण के लिए 19 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई थी. इस लिस्ट से कई दिज्जगों के नाम गायब थे, जिसको लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा था. इसमें पूर्व डिप्टी सीएम और जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. निर्मल सिंह का नाम नहीं था. जिस वजह से उनके समर्थक नाराज थे.
निर्मल सिंह ने 2014 में बिलावर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. इसके अलावा जम्मू कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता को भी सूची में शामिल नहीं किया गया था. इसके साथ ही, लिस्ट में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रवींद्र रैना का नाम भी नहीं था.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir Election) को लेकर आये सर्वे के बाद से BJP टेंशन में
उधर, जब से जम्मू कश्मीर को लेकर एक सर्वे सामने आया है, तब से बीजेपी टेंशन में है. ताजा सर्वे के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में कांग्रेस 40 से 45 सीटें जीत सकती हैं. इस सर्वे से साफ है कि इस बार के चुनाव में यहां कांग्रेस की करारी लहर है और कांग्रेस आसानी के साथ यहां सरकार बना ले जाएगी.
जम्मू कश्मीर(Jammu-Kashmir Election) में कांग्रेस की लहर
जम्मू कश्मीर की लहार को कांग्रेस पहले ही भांप चुकी है. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे खुद मोर्चा संभाल रहे हैं. दोनों लोग बीते बुधवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे. जहां पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि यहां के लोगों के दिल में जो दर्द है, डर है, उसे मिटाना मेरा लक्ष्य है. याद दिला दें कि जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. तारीखें घोषित हो गई हैं. आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर की फिजाओं में बहुत कुछ बदल चुका है.
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