UP Custodial Death: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से हमेशा राज्य को अपराध मुक्त बनाने का दावा किया जाता रहा है, लेकिन यूपी को पुलिस राज में बदल दिया गया है जिससे हिरासत में होने वाली मौतों की खबरें आम हो गई हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में शुक्रवार को पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत हो गई, जिसके बाद यहां हंगामा मच गया और हालात गंभीर हो गए.
एटा में पुलिस हिरासत में हुई मौत
गुस्साई भीड़ ने जमकर पत्थरबाजी की और कई गाड़ियों में आग लगा दी नाराज लोगों ने पुलिस के साथ भी धक्कामुक्की की, लेकिन ये कोई पहला इस तरह का मामला नहीं है. इससे पहले भी यूपी में पुलिस हिरासत में मौतें हुई हैं. अभी हाल में ही उत्तर प्रदेश के एटा जिले के निधौली थाने में पुलिस की कस्टडी में राकेश नाम के शख्स की मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया. राकेश थाने में अचानक बेहोश होकर गिर गया. जिसे अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. वहीं इस मामले में दो पुलिसकर्मी भी सस्पेंड कर दिए गए.
नोयडा में भी ऐसा ही मामला आया था सामने
इसी तरह का एक और मामला इस साल मई में सामने आया था. दरअसल, नोयडा पुलिस ने एक युवक लड़की के मामले में हिरासत में लिया था, लेकिन अगली सुबह उसकी लाश पुलिस चौकी में ही फांसी के फंदे पर लटकती हुई मिली. इस मामले में पुलिस चौकी में तैनात सभी पुलिसवालों को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया था.
गोरखपुर और आगरा में भी पुलिस हिरासत में हुई हैं मौतें
इसी तरह इस साल के मार्च महीने में गोरखपुर में छेड़खानी के मामले में पूछताछ के लिए लाए गए युवक की भी पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. इसी तरह यूपी के आगरा में साल 2020 में पुलिस कस्टडी में अरूण वाल्मीकि नाम के एक शख्स की मौत हो गई थी.
पुलिस के मुताबिक तबीयत बिगड़ने के कारण उसकी मौत हुई थी. बता दें कि गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि, 2021-22 में उत्तर प्रदेश में हिरासत में कुल 501 मौतें हुईं.