Wholesale Inflation: लोकसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही आम जनता पर महंगाई की मार पड़ने लगी है. चुनाव खत्म होने के बाद दूध, दाल टोल टैक्स समेत कई चीजों की किमतों में बढ़ोतरी हुई है.भारत के सरकारी आंकड़ों के अनुसार मई में थोक महंगाई 2.61% पहुंच गई. मई के आंकड़े अर्थशास्त्रियों द्वारा अपेक्षित 2.5% वृद्धि से अधिक थे. वहीं अप्रैल ये दर 1.26 फीसदी थी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “मई, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों के निर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है.” थोक खाद्य मुद्रास्फीति मई में अप्रैल में 5.52% की वृद्धि की तुलना में 7.4% हो गई, जबकि सब्जियों की कीमतें पिछले महीने में 27.94% की वृद्धि के मुकाबले 32.42% बढ़ीं.
ईंधन और बिजली की कीमतों में हुई वृद्धि
पिछले महीने में 0.42% की गिरावट के मुकाबले विनिर्मित उत्पाद की कीमतें साल-दर-साल 0.78% बढ़ीं. वहीं अप्रैल में 1.38% की वृद्धि की तुलना में ईंधन और बिजली की कीमतों में 1.35% की वृद्धि हुई.मई के थोक मूल्य सूचकांक में वृद्धि इस महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के विपरीत हैं. भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है.
बता दें कि, इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार मई में खुदरा मुद्रास्फीति एक साल के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत पर आ गई. आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में लगातार आठवीं बार ब्याज दर में कोई परिवर्तन नहीं किया है.
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