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Drug Control Efforts: हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश में मादक पदार्थों पर नियंत्रण (Drug Control Efforts) को लेकर बड़ी-बड़ी बाते कहीं थी. लेकिन मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में मादक पदार्थों पर नियंत्रण को लेकर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है. वहीं पिछले साल भी मोदी सरकार ने कहा था कि वह ड्रग्स को जड़ से खत्म कर देगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, बल्कि देश में ड्रग्स की खपत और अधिक बड़ गई.
इसी को लेकर कांग्रेस नेता ने देश में मादक पदार्थों (Drug Control Efforts) पर नियंत्रण के बारे में बड़े-बड़े दावे करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि हाल के वर्षों में भारत में नशीली दवाओं की खपत बढ़ी है. सरकार फर्जी और झूठे दावे कर रही है.
मोदी सरकरा ने कहा था ड्रग्स को जड़ से खत्म कर देंगे
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “गृह मंत्रालय ने पिछले साल 2023 जून में आपने कहा था कि मोदी सरकार भारत से ड्रग्स (Drug Control Efforts) को जड़ से खत्म कर देगी. देश के माध्यम से नशीले पदार्थों की तस्करी नहीं होने देगी. लेकिन, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डीजी संजय कुमार सिंह का दावा है कि “युवाओं में ड्रग्स की खपत बढ़ रही है और लगभग 10 करोड़ भारतीय हैं जो ड्रग्स का सेवन करते हैं. 15 साल पहले यह लगभग 2 करोड़ हुआ करता था.’
2018-2020 के बीच जब्त की गई 70,000 किलोग्राम हेरोइन
उन्होंने लिखा,’DRI रिपोर्ट, 2021-22 में अदानी पोर्ट एंड SEZ के स्वामित्व वाले मुंद्रा पोर्ट पर 2889 किलोग्राम हेरोइन (₹ 21,000 करोड़ की कीमत) की जब्ती का उल्लेख है, जो दुनिया में अब तक की सबसे अधिक है. सितंबर 2020 में, उसी बंदरगाह से ₹ 9000 करोड़ की हेरोइन जब्त की गई थी. कथित तौर पर ड्रग (Drug Control Efforts) तस्करों के पाकिस्तानी आतंकी संगठनों से संबंध थे. अमित शाह जहां नशीले पदार्थों पर नियंत्रण के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, वहीं उनके अपने मंत्रालय ने 2018-2020 के बीच जब्त की गई 70,000 किलोग्राम हेरोइन, जिसकी कीमत 5 लाख करोड़ रुपये है, के बारे में दिल्ली उच्च न्यायालय को अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.’
पवन खेड़ा ने आगे कहा, ‘भारत में 10 से 17 वर्ष की आयु के लगभग 15.8 मिलियन बच्चे मादक पदार्थों के आदी हैं, भारत सरकार ने 14 दिसंबर, 2022 को सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया. अंतर्राष्ट्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड (INCB) की वार्षिक रिपोर्ट 2023 में कहा गया है कि भारत अफीम के लिए एक प्रमुख बाजार बन गया है. रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 40% से अधिक ओपियोइड उपयोगकर्ता भारत में रहते हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि भारत में 2018 में ओपिओइड उपयोगकर्ताओं की संख्या 23 मिलियन थी, जो 2004 से 600 प्रतिशत की वृद्धि है. ड्रग्स (Drug Control Efforts) और अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की विश्व ड्रग रिपोर्ट 2022 से पता चला है कि पंजाब भारत में ओपिओइड दुरुपयोग की महामारी में सबसे आगे है. ओपिओइड उपयोगकर्ता, जबकि गुजरात अब ड्रग ओवरडोज से होने वाली मौतों के मामले में तीसरा सबसे खराब राज्य है.
जब्ती के बावजूद देश में नशीली दवाओं की तस्करी कम नहीं
पवन खेड़ा ने यह भी बताया, “जब्ती के बावजूद भारत में कुल मिलाकर नशीली दवाओं (Drug Control Efforts) की तस्करी कम नहीं हुई है, बल्कि बढ़ी है, स्पष्ट रूप से अंतर-एजेंसी सहयोग निशान तक नहीं है और यह उन स्रोतों की पहचान करने में कहर बरपा रहा है जहां से अवैध दवाएं भारत में प्रवेश कर रही हैं.’ दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को भारत को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लेते हुए कहा, ‘हम भारत में एक भी ग्राम ड्रग्स कहीं से आने नहीं देंगे और न ही भारत की सीमाओं को ड्रग्स के व्यापार के लिए किसी भी प्रकार से इस्तेमाल होने देंगे.’
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