Supriya Shrinate: कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने रविवार (14 जुलाई) को दावा किया कि भारतीय कंपनियों ने सस्ता रूसी तेल खरीदकर कम से कम 10.5 बिलियन डॉलर की बचत की है, जो भारतीय रुपयों में लगभग 892 अरब के बराबर है.श्रीनेत ने कहा कि भारत की पांच भारतीय रिफाइन कंपनियों को रूस से सस्ता तेल खरीदकर बेचने से मुनाफा हुआ है. ये कंपनियां हैं- इंडियन ऑयल कॉर्प, एचपीसीएल, बीपीसीएल, रिलायंस और नायरा. उन्होंने सवाल किया कि 900 अरब रुपये की बचत होने के बाद भी जनता के लिए पेट्रोल डीजल सस्ता क्यों नहीं हुआ?
रूस से आया सस्ता कच्चा तेल
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने कहा कि भारत कच्चा तेल आयात करने वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. भारत अपनी कुल जरूरत का 85% से भी ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है. रुस- यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रुस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना शुरू किया. इस कच्चे तेल की खरीद से अप्रैल 2022 और मई 2024 के बीच देश की बड़ी रिफाइनिंग कंपनियों ने बम्पर बचत की. रिफाइनिंग कंपनियों ने कम से कम 10.5 बिलियन डॉलर की बचत की है जो भारतीय रुपयों में लगभग 892 अरब के बराबर है.
श्रीनेत ने आगे कहा कि यूक्रेन पर फरवरी 2022 के आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों ने रूस से तेल आयात में कटौती की, और इसके बाद रुस ने अपने तेल दाम पर भारी छूट देना शुरू किया. उन्होंने कहा कि रुस पहले हमारे तेल व्यापार में एक बेहद मामूली खिलाड़ी हुआ करता था, युद्ध के बाद से वह हमारा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है. इस तेज़ी से बढ़े व्यापार ने रूस को भारत के शीर्ष व्यापार पार्टनर की टोली में भी शामिल कर दिया है
भारत की 5 कंपनियों को हुआ फायदा
सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा कि वित्तीय वर्ष 2023 के लिए, रूस से आयात हुआ कच्चा तेल कुल आयातित तेल का 21.5% था. वित्तीय वर्ष 2024 के लिए, रूस से आयात हुआ कच्चा तेल कुल आयातित तेल का 36% था. रूस के कच्चे तेल की कीमत दूसरे देश के कच्चे तेल से करीब 10-12% कम थी. भारत की पांच भारतीय रिफाइन कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉर्प, एचपीसीएल, बीपीसीएल, रिलायंस और नायरा को इसका फ़ायदा हुआ है.
उन्होंने कहा कि रुस के सस्ते तेल ने भारत को तेल बेचने वाले अन्य देशों को भी डिस्काउंट देने को विवश किया, जिससे इन रिफ़ाइनिंग कंपनियों ने और बचत की. अब रूस ईरान और सऊदी अरब जैसे पारंपरिक आपूर्ति करने वाले देशों को दरकिनार करके भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है. श्रीनेत ने सवाल किया कि 900 अरब रुपये की बचत सिर्फ़ रुस के सस्ते तेल से, पर आपका पेट्रोल डीजल सस्ता क्यों नहीं हुआ? सोचियेगा जरूर.
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