EVM Dispute: जहां एक तरफ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को हैक करने की संभावना पर बहस चल रही है, वहीं, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अब ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है. रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि “हमारे लोकतंत्र की सच्ची भावना को बनाए रखने” के लिए यह आवश्यक है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के स्थान पर मतपत्रों का उपयोग किया जाए.
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि जिस तरह न्याय न केवल परोसा जाना चाहिए बल्कि परोसा हुआ दिखना भी चाहिए, उसी तरह लोकतंत्र न केवल कायम रहना चाहिए बल्कि निस्संदेह प्रचलित दिखना चाहिए. दुनिया भर में चुनावी प्रथाओं में, लगभग प्रत्येक उन्नत लोकतंत्र में ईवीएम का नहीं, बल्कि कागजी मतपत्रों का उपयोग किया जाता है. हमें भी अपने लोकतंत्र की सच्ची भावना को बनाए रखने के लिए इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.’
EVM पर सवाल उठाने वाले इकलौते नेता नहीं
जगन मोहन रेड्डी ने आगे कहा कि वह ईवीएम से जुड़ी समस्याओं को उजागर करने वाले अकेले व्यक्ति नहीं हैं. तमाम विपक्षी नेताओं ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. इससे पहले सीपीआई महासचिव डी राजा ने कहा कि ईवीएम की विश्वसनीयता एक मुद्दा बन गई है और लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं. बीते सोमवार को ही महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने भी इस मामले पर अपनी बात रखी थी और इस बात पर जोर दिया था कि कांग्रेस पार्टी लगातार ईवीएम की जगह बैलेट पेपर की मांग कर रही है, लेकिन केंद्र ने इस प्रस्ताव पर कोई कदम नहीं उठाया है.
बैलेट पेपर का इस्तेमाल कर रहे विकसित देश
पटोले ने कहा कि अमेरिका और जापान सहित विकसित देश बैलेट पेपर का इस्तेमाल कर रहे हैं, फिर भारत में क्यों नहीं ऐसा किया जा रहा? शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी सोमवार को इस मुद्दे पर बात की और कहा कि मतदाताओं के लिए मामलों को स्पष्ट करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि देश के “संवैधानिक तरीके” अप्रभावित रहने चाहिए और चुनाव प्रक्रिया “स्वतंत्र और निष्पक्ष” होनी चाहिए.