RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार (10 जून) को कहा कि अच्छी बात है कि भारत में आए आक्रमणकारियों की विचारधारा से देश की संस्कृति प्रभावित नहीं हुई. रेशमबाग में डॉ. हेडगेवार स्मृति भवन परिसर में संगठन के कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय के समापन कार्यक्रम में आरएसएस प्रशिक्षुओं की एक सभा को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने यह भी कहा कि इस्लाम और ईसाई जैसे धर्मों से अच्छाई और मानवता को अपनाया जाना चाहिए.
विभिन्न धर्मों को लेकर बोले मोहन भागवन
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विभिन्न धर्मों को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के अनुयायियों को एक-दूसरे का भाई-बहन के रूप में सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय समाज विविधतापूर्ण है, लेकिन सभी जानते हैं कि यह एक समाज है और वे इसकी विविधता को स्वीकार भी करते हैं. सभी को एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए और एक-दूसरे की उपासना पद्धति का सम्मान करना चाहिए.
‘जातिवाद को खत्म करना चाहिए’
मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि हजारों सालों से जारी अन्याय के कारण लोगों के बीच दूरियां हैं. उन्होंने कहा कि सभी को यह मानकर आगे बढ़ना चाहिए कि यह देश हमारा है और इस भूमि पर जन्म लेने वाले सभी लोग हमारे अपने हैं. उन्होंने कहा कि अतीत को भूल जाना चाहिए और सभी को अपना मानना चाहिए. भागवत ने इस दौरान जातिवाद को पूरी तरह से खत्म करने पर भी जोड़ दिया और आरएसएस पदाधिकारियों से समाज में सामाजिक सद्भाव की दिशा में काम करने को कहा.
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