Fire in Mahakumbh

Fire in Mahakumbh

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Fire in Mahakumbh: प्रयागराज महाकुंभ से लगातार आग लगने की खबर सामने आई है. और एक बार फिर महाकुंभ के सेक्टर-18 के शंकराचार्य मार्ग पर 7 फरवरी की सुबह आग लग गई, जिससे लोगों में डर का माहौल बन गया है. हालांकि आग लगने से कोई जनहानी नहीं हुई. पर टैंट से आग की लपटें और आसमान में धुएं का गुबार से तो लग रहा था कि आग काफी खतरनाक था, जो किसी को भी डरा दे.

‘इस्कॉन के किचन में सिलेंडर विस्फोट’ बताई गई वजह

ऐसा कहा जा रहा है कि यह आग इस्कॉन के किचन में सिलेंडर विस्फोट की वजह से लगी है. जिसमें 20 से अधिक टेंट जलकर खाक हो गए. आपको आज इस स्टोरी में प्रयागराज महाकुंभ 2025 में कितनी बार आग लगी, उसके बारे में बताएंगे.

19 जनवरी को लगी आग में

मेले के सातवें दिन ही मतलब 19 जनवरी को एक भीषण घटना घटी थी. जब महाकुंभ में आग (Fire in Mahakumbh) लग गई थी. ऐसा कहा जा रहा था कि खाना बनाते समय यह आग लगी थी. लेकिन आज भी इस घटना के बारे में पुरी तरह से जानकारी नहीं मिल पाई है कि क्या सच में खाना बनाते समय ही आग लगी थी.

उस दिन टैंटों के आग के हवाले हो जाने के कारण वहां रखे गैस सिलेंडरों में लगातार ब्लास्ट हो रहे थे. जिससे करीब 200 टेंट खाक हो गए. यह आगजनी अखाड़े से आगे वाली सड़क पर लोहे के ब्रिज के नीचे लगी थी.

गीताप्रेस ने कहा ‘किसी ने बाहर से चिंगारी फेंकी’

NDRF की 4 टीमें ​​​​​​,​एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की 12 से अधिक गाड़ियां ने इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया था. इस मामले में गीता प्रेस के 180 कॉटेज जल के खाक हो गए थे. जिसके बाद गीताप्रेस की तरफ से कहा गया था कि कैंप के बाहर से किसी ने चिंगारी फेंकी थी. जिसके बाद पांडाल धधक उठे थे. महाकुंभ में आग (Fire in Mahakumbh) लगने की ये पहली घटना थी.

25 जनवरी को दूसरी बार लगी थी महाकुंभ में आग (Fire in Mahakumbh)

इस आगजनी के बाद 25 जनवरी को महाकुंभ में आग (Fire in Mahakumbh) लगी थी. ये आग मेला क्षेत्र की पार्किंग में आग लगी थी. इस हादसे में पार्किंग में खड़ीं दो गाड़ियां जल गई थीं. इस आग के बारे में बताया गया था कि शार्ट सर्किट से आग लगी है. पता नहीं किस तरह की व्यवस्था को योगी सरकार हाईटेक व्यवस्था कहती है. लेकिन एक बात तो सच है कि इस तरह की व्यवस्था को हाईटेक व्यवस्था तो नहीं कही जा सकती है.

सिर्फ और सिर्फ फोटोबाजी से व्यवस्थाएं थोड़ी ना हो जाती है. पानी में छपछप करने से व्यवस्थाएं थोड़ी ना हो जाती है. वीआईपियों के लिए अच्छी व्यवस्था कर देने से पार्टी फंड जरूर मिल जाता है. लेकिन वोट मांगने के दौरान वही आम आदमी भारतीय जनता पार्टी और योगी सरकार को याद आएंगे.

30 जनवरी को तीसरी बार लगी थी महाकुंभ में आग (Fire in Mahakumbh)

अब बात करते हैं 30 जनवरी की. जब महाकुंभ के सेक्टर 22 में आग लगी थी. महाकुंभ में आग (Fire in Mahakumbh) लगने से कई टेंट जलकर खाक हो गए, लगभग 15 टैंटों में आग लगने की खबर सामने आई थी. सेक्टर 22 में झूसी इलाके के छतनांग घाट के पास स्थित नागेश्वर पंडाल में लगी आग इतनी भयावह थी कि आग की लपटें दूर से देखी जा सकती थीं.

4 फरवरी को भी लगी थी महाकुंभ में आग (Fire in Mahakumbh)

4 फरवरी को भी महाकुंभ में आग (Fire in Mahakumbh) लगी थी. जहां सेक्टर 21 से आग लगने की खबर सामने आई थी. मामला हवेलिया के संगम विहार क्षेत्र का था. जहां पार्किंग स्थल पर कूड़ा डंप किया गया था. उसी कूड़ें में आग लगने से लोगों में हड़कंप मच गया था. हालांकि मौके पर दमकल की सात गाड़ियां पहुंचीं थी. जिसने आग पर काबू पा लिया था.

महाकुंभ में आग (Fire in Mahakumbh) लगती रही, CM Yogi फोटोबाजी करते रहे

अब 7 फरवरी की सुबह महाकुंभ में आग (Fire in Mahakumbh) लगने से 20 पांडाल जलकर खाक हो गए. लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी योगी सरकार हाथ पर हाथ धड़े बैठी रही. सीएम योगी आदित्यनाथ ने हमेशा कहा कि व्यवस्थाएं एकदम मस्त है. ड्रोन से निगरानी की जा रही है, कुछ नहीं होगा, लेकिन योगी जी सिर्फ दावे करते रहे और कुंभ से आग लगने की घटनाएं लगातार सामने आती रहीं, और आ ही रही हैं.

सिर्फ चेहरा चमकाने और खोखले दावों से आयोजन नहीं होता है. उसके लिए काम करना पड़ता है. अगर काम ना किया जाए, सिर्फ दावों की पुलिया हो तो पुलिया ढ़ह जाता है. व्यवस्थाओं से ज्यादा हवावाजी, पोस्टरबाजी और फोटोबाजी की जा रही है, लेकिन महाकुंभ में लोगों की सुरक्षा पर किसी का ध्यान नहीं है… तभी तो सवाल उठता है कि योगी आदित्यनाथ ने जो महाकुंभ में 7000 करोड़ की व्यवस्थाएं की है, वो कहां है, दिख क्यों नहीं रहा?


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