Bihar ELections 2025: बिहार चुनाव में BJP को हार का डर, बाबाओं का ले रही सहारा
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Bihar ELections 2025: बीती 23 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छतरपुर के बागेश्वर धाम पहुंचते हैं. बागेश्वर बाबा के ड्रीम प्रॉजेक्ट कैंसर हॉस्पिटल का शिलान्यास करते हैं. वैसे प्रधानमंत्री बहुत बिजी किस्म के आदमी हैं, उन्हें यूं ही कहीं आने जाने का वक्त नहीं मिलता. मणिपुर को तो देखा ही आपने. इसे जलते हुए 2 साल होने को हैं, पर मोदी जी के पास समय नहीं मिला कि वो वहां जा सकें. लेकिन हमारे मोदी जी बाबा बागेश्वर के हॉस्पिटल का शिलान्यास करने पहुंच जाते हैं. अपने बिजी सेड्यूल से वक्त निकालकर.
बागेश्वर बाबा ने की जमकर तारीफ (Bihar ELections 2025)
इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री पीएम मोदी की जमकर तारीफ करते हैं. कहते हैं कि हमारे पास एक अलग तरह के पीएम हैं.. जो गाय, गंगा और गरीब की बात करते हैं. वह दिल से सेवा करते हैं. जब हमने छोटा सा न्योता दिया, उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया. अब आप क्रोनोलॉजी समझिए. आपको क्या लग रहा है पीएम मोदी क्या सिर्फ हॉस्पिटल का शिलान्यास करने बागेश्वर धाम पहुंचे थे. अगर हां, तो आप यहां थोड़े गलत हैं. शिलान्यास तो बस एक बहाना था. मोदी जी को इसके जरिए असल में बिहार का विधानसभा चुनाव साधना था.
बाबाओं से बिहार कनेक्शन
अब आप कहेंगे बागेश्वर धाम जाने का बिहार चुनाव (Bihar ELections 2025) से क्या कनेक्शन है. रुकिए समझाते हैं. बिहार में विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है. राजनीतिक पार्टियां सियासी बिछात बिछाने में जुटी हैं, तो वहीं बीजेपी अपना पुराना धार्मिक एजेंडा सेट करने में लगी है. अब बीजेपी ये एजेंडा सेट करेगी कैसे. इसके लिए बीजेपी को चाहिए ऐसे लोग जिनका इंफ्लुएंस ज्यादा हो. ऐसे लोग जिनकी बातें लोग सुनते हो. अब हिंदुओं को बहलाना है, तो उसके लिए हिंदू बाबाओं की जरूरत है. देखिए न… बिहार में चुनाव आते ही संघ प्रमुख से लेकर धीरेंद्र शास्त्री और श्री श्री रविशंकर का बिहार (Bihar ELections 2025) में कार्यक्रम शुरु हो गया है.
बिहार पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री 6 मार्च को बिहार (Bihar ELections 2025) के गोपालगंज पहुंच चुके हैं. यहां बागेश्वर सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पांच दिनों तक हनुमंत कथा सुनाएंगे. इसके लिए गोपागलंग जिले के भोरे प्रखंड के रामनगर स्थित श्रीराम जानकी मठ को आस्था का केंद्र बनाया गया है. यहां भारी संख्या में श्रद्धालु धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने के लिए पहुंचे हुए है. यहां भारी भीड़ को देखते हुए सिर्फ एक दिन के लिए दिव्य दरबार का भी आयोजन किया गया है.
धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि वे यहां देश के हिंदुओं को जगाने आए हैं. उन्होंने कहा वे अपनी लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं बल्कि दुनिया के 150 करोड़ हिंदुओं की लड़ाई लड़ने आए हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वे किसी पार्टी के लिए नहीं आते हैं, न किसी के लिए वोट मांगने आते हैं बल्कि हिंदुओं के अलख को जगाने आते हैं.
अब कोई जाकर बाबा से पूछ ले कि ये हिंदुओं के अलख को तभी क्यों जगाते हैं जब चुनाव होता है. तो इनकी सारी पोल पट्टी खुलकर सामने आ जाएगी. खैर आपको बता दें कि गोपालगंज आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का गृह जिला है. इस तरह लालू यादव के गढ़ में धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुओं की अस्तित्व और उनकी सुरक्षा पर बयान देकर सियासी संदेश देने की कवायद की है.
श्री श्री रविशंकर का भी चुनावी दौरा
इधर धीरेंद्र शास्त्री के पहुंचने के साथ ही आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर बिहार दौरे पर पहुंचे रहे हैं. रविशंकर तीन दिन तक राज्य के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान औरंगाबाद और पटना में उनके सतसंग के कार्यक्रम के आयोजन होने हैं. बिहार पहुंचने पर श्री श्री रविशंकर ने 6 मार्च की शाम बीजेपी नेता और बिहार के डिप्टीसीएम सम्राट चौधरी मुलाकात किया. इसके बाद रवीशंकर ने कहा कि बिहार अब पिछड़ा राज्य नहीं रहा, अब आगे बढ़ रहा है. यहां ऐसे ऊर्जावान नेता हैं, जो प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
RSS भी दे रही सियासी संदेश
इन दो के अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी बीजेपी का एजेंडा सेट करने में लगे हुए हैं. मोहन भागवत पांच दिनों के बिहार दौरे पर पहले से हैं. 6 मार्च को सुपौल में उन्होंने एक स्कूल का उद्घाटन किया और नौ मार्च तक मुजफ्फरपुर में ही कैंप करने वाले हैं. इस दौरान भागवत संघ के स्वयंसेवकों और बीजेपी के नेताओं से मुलाकात-संवाद करेंगे. भागवत ने बिहार दौरे से सियासी संदेश देना शुरू कर दिया हैं. भागवत बिहार के साथ अपने जुड़ाव के बारे में बात कर रहे हैं.
क्यों नर्वस है BJP?
अब आप खुद सोंचिए बिहार चुनाव (Bihar ELections 2025) के लिए बीजेपी कितनी नर्वस है. इसके लिए वो साम दाम दंड भेद सब अपना रही है. असल में बिहार का चुनाव बीजेपी के लिए काफी चुनौतियों से भरा है क्योंकि बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां का सियासी समीकरण बीजेपी साध नहीं पाई है. अभी तक बीजेपी यहां अपने दम पर सत्ता में नहीं आ सकी है. वो जेडीयू के सहारे ही राजनीतिक संभावना तलाशती रही है, लेकिन अब अपने दम पर आत्मनिर्भर बनने की कवायद में है. इसके लिए वो नए नए तरह के प्रयोग कर रही है.
बाबाओं का बिहार (Bihar ELections 2025) में अचानक से आगमन इसी का नतीजा है. आरजेडी ने तो साफ साफ कह दिया है कि बीजेपी का ये सियासी प्रयोग है और बीजेपी बाबाओं के जरिए बिहार चुनाव जीतना चाहती है. अब बीजेपी का ये दांव कितना सफल रहेगा, ये तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे. फिलहाल आप देखते जाइए चुनाव जीतने के लिए बीजेपी क्या क्या करती है.
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