Bulldozer In UP

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Bulldozer In UP : उत्तर प्रदेश की सरकार बैकफुट पर है. हालत यह है कि सरकार को अपने दो फैसले तत्काल प्रभाव से वापस लेने पड़े हैं. दरअसल, यूपी के सरकारी शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस पर दो महीने की रोक लग गई है. इसके साथ ही राजधानी लखनऊ के पंतनगर में चलने वाले बुलडोजर (Bulldozer In UP) के पहिए थम गए हैं. सरकार का यह फैसला विपक्ष के भारी दबाव के बाद आया है.

गौरतलब है कि कांग्रेस ने शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस और पंतनगर के लोगों की आवाज को प्रमुखता से उठाया था. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने साफ कहा था कि हम इंद्रप्रस्थ नगर, खुर्रम नगर, पंतनगर, अबरार नगर और शिवानी विहार के लोगों के साथ खड़े हैं. यह जो बुलडोजर (Bulldozer In UP) चलाने की सरकार है, यह लोगों के सपनों और अरमानों पर बुलडोजर चला रही है.

कांग्रेस ने किया था सरकार की बुलडोजर (Bulldozer In UP) नीति का विरोध

अजय राय ने आगे कहा था कि मैं वहां रहने वाले सभी भाई-बहनों से कहना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता आपके साथ खड़ी है.हम आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे और आपकी एक ईंट नहीं हिलने देंगे. बता दें कि योगी सरकार ने लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे निजी भवनों पर बुलडोजर चलाने का फरमान जारी किया था. इसके लिए इन इलाकों के भवनों पर लाल निशान लगाया गया था. जिसके बाद स्थानीय लोगों में भारी रोष था.

स्थानीय लोगों ने सीएम योगी से की मुलाकात

दरअसल, स्थानीय लोगों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. इसके बाद इस बात की संभावना बढ़ गई थी कि अब बुलडोजर नहीं चल पायेगा . इस मुलाकात के कुछ ही देर बाद सीएम ऑफिस के खबर आ गई कि अब बुलडोजर (Bulldozer In UP) नहीं चलेगा. मालूम हो कि लखनऊ अकबरनगर में बुलडोजर एक्शन हो चुका है. हजारों लोग बेघर हो चुके हैं, वहीं, अबरारनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थनगर और रहीमनगर को मिलाकर करीब 2 हजार से ज्यादा मकानों को चिह्नित किया गया था. जिन्हें अब राहत मिली है.

इस वजह से सरकार आई बैकफुट पर

गौरतलब है कि मकानों पर लाल निशान (Bulldozer In UP) लगाए जाने के बाद लगातार धरना प्रदर्शन चल रहा था. महिलाएं और बच्चे भी आंदोलन में उतर गए थे. इसका वीडियो भी खूब वायरल हो रहा था. जिसके देखते हुए सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा. मंगलवार को मुख्यमंत्री ऑफिस की ओर से कहा गया कि कुकरैल नदी के पास मौजूदा 35 मीटर की चौड़ाई पर्याप्त है, इस सीमा के भीतर कोई भी स्ट्रक्चर प्रभावित नहीं होगा, यानि तोड़फोड़ नहीं होगी. सीएम ऑफिस की ओर से आश्वासन मिलने के बाद इलाके के निवासी से खुशी से झूम उठे.

बुलडोजर (Bulldozer In UP) के बाद आई शिक्षकों के लिए खुशखबरी

उधर, बुलडोजर (Bulldozer In UP) नहीं चलने की खबर के साथ ही शिक्षकों के लिए भी राहत भरी खबर आई. योगी सरकार ने डिजिटल अटेंडेंस पर दो महीने की रोक लगाने का ऐलान कर दिया. प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने मंगलवार को कहा कि एक समिति का गठन किया जाएगा जो शिक्षकों के मुद्दों को समझेगा. सरकार ने ये कदम शिक्षकों के भारी विरोध के बाद उठाया है. शिक्षक योगी सरकार के डिजिटिल एटेंडेंस के फैसले का शुरू से विरोध कर रहे थे. विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर शिक्षकों के साथ थे.

शिक्षक क्यों कर रहे थे विरोध

शिक्षकों ने साफ तौर पर कहना था उनको ऑनलाइन हाजिरी लगाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन उनकी अपनी कुछ दिक्कतें हैं, जिसके बारे में सरकार को सोचना चाहिए. उनका कहना है कि स्कूलों में नेटवर्क नहीं है. रास्ते सही नहीं है. इन सब की समस्याओं को दूर किया जाए, उसके बाद हम ऑनलाइन हाजिरी देने को तैयार हैं.

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