Bihar Politics

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बिहार में राजनीतिक हलचल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. नीतीश कुमार की अगुवाई में नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी. हालांकि फ्लोर टेस्ट से पहले नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. सूत्रों की माने तो नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 9 विधायक कांग्रेस के संपर्क में बने हुए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बिहार में 12 फरवरी को एक बार फिर खेला हो सकता है.

12 फरवरी को होना है फ्लोर टेस्ट

बता दें कि महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ले ली थी. नीतीश ने महागठबंधन और विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर फिर से नई सरकार बनाई. नई सरकार के गठन के बाद नीतीश सरकार पहले 10 फरवरी को विश्वास मत हासिल करने वाली थी. लेकिन अब 12 फरवरी को बहुमत साबित करेगी. इस बीच बिहार में राजनीतिक दल अपने-अपने विधायकों को बचाने में लग गए हैं.

JDU के 9 विधायक कांग्रेस के संपर्क में

गौरतलब है कि कांग्रेस ने अपने 16 विधायक हैदराबाद भेज दिए हैं. अब खबर आ रही है कि नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 9 विधायक आरजेडी और कांग्रेस के संपर्क में बने हुए हैं. सूत्रों ने बताया कि यही वजह है कि नीतीश कुमार बहुमत साबित करने को लेकर ज्यादा समय ले रहे हैं क्योंकि वो टाइम काट रहे हैं. उनके 9 विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं. जेडीयू में टूट की संभावना जताई जा रही है.

बीजेपी को भी है डर

हॉर्स ट्रेडिंग की स्थिति की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीजेपी जैसी अनुशासित पार्टी भी आपने विधायकों की घेराबंदी में लग गई है. खबर ये है कि फ्लोर टेस्ट तक बीजेपी अपने तमाम विधायकों को बोधगया ले जा रही है. ऐसा इसलिए कि एक बार लालू यादव ने बीजेपी विधायकों को तोड़ा था. 1992 में लालू यादव ने इंदर सिंह नामधारी की मदद से कई विधायकों को तोड़ लिया था.

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