farmers protests

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आज (21 फरवरी) को किसान एक बार फिर दिल्ली कूच के लिए तैयार हैं. ऐसे में शंभू बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण बन गये हैं. इससे पहले मंगलवार को पंजाब की ओर से युवा किसान जेसीबी और पोकलेन मशीन लेकर पहुंच गए. ट्रैक्टर मार्च के बीच में इन मशीनों को लाया गया, जिससे कोई रास्ते में रोक न सके.

दिल्ली चलो मार्च के तहत किसान आगे बढ़ रहे हैं. इसे लेकर शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं. बढ़ते बवाल को को देखते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने किसानों से अपील की है कि वे आगे नहीं पढ़ें. पंढेर ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी देती है, तो प्रदर्शनकारी आगे नहीं बढ़ेंगे. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को कहा कि केंद्र सरकार के नुमाएंदे आए थे और उन्होंने फिर से बातचीत की बात कही है.

आंसू गैस के धुएं से बचने के लिए खास व्यवस्था

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शंभू बॉर्डर पर किसानों ने पुलिस के आंसू गैस के गोलों और रबर बुलेट से बचाने के ट्रैक्टरों को मॉडीफाई किया है. पूरे केबिन को लोहे की मोटी-मोटी शीट्स से कवर कर दिया गया है. आंसू गैस के धुएं से बचाने के लिए ट्रैक्टरों के पीछे बड़े-बड़े पंखें फिट किए गए हैं. किसानों का कहना है कि वह अब आर-पार की लड़ाई की तैयारी के साथ आए हैं.

पहले भी सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने फैसला किया है कि कोई भी युवा और किसान आगे नहीं चलेगा. सिर्फ किसान नेता ही आगे चलेंगे. हम लोग शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे. ये सब कुछ खत्म हो जाता, अगर सरकार एमएसपी पर कानून बना देती.

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