World Inequality lab Report: भारत में अमीरी और गरीबी के बीच में खाई बढ़ती जा रही है. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के सबसे अमीर 1 प्रतिशत लोगों के पास देश की कुल संपत्ती का 40.1% हिस्सा है. जबकि देश के कुल आय में उनकी हिस्सेदारी लगभग 22.6% है. यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. आय में असमानता में भारत ने अमेरिका जैसे विकसित देश को भी पीछे छोड़ दिया.
असमानता ब्रिटिश काल भी अधिक
वर्ल्ड इनइक्वालिटी लैब की रिपोर्ट (World Inequality lab Report) में यह खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट को अर्थशास्त्री नितिन कुमार भारती, लेकास चांसल, थॉमस पिकेटी और अनमोल सोमांची ने मिलकर तैयार किया है. इसे रिपोर्ट को ‘अरबपति राज का उदय’ नाम दिया गया है. रिपोर्ट तैयार करने वालों का कहना है कि भारत में अब आय में असमानता ब्रिटिश काल भी काफी ज्यादा हो गई है.
आर्थिक आंकड़ो की गुणवत्ता खराब
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2014-15 से 2022-23 के बीच आय में असमानता सबसे तेजी से बढ़ी है. रिपोर्ट में कहा गया कि शुद्ध संपत्ति के नजरिये से भारतीय आयकर प्रणाली प्रतिगामी नजर आती है. इसके अनुसार, भारत की शीर्ष एक प्रतिशत आमदनी हिस्सेदारी दुनिया में सबसे अधिक है. यहां तक कि यह दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और अमेरिका जैसे देशों से भी अधिक है. इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक आंकड़ों की गुणवत्ता काफी खराब है और हाल ही में इसमें गिरावट देखी गई है.
मोदी सरकार देश को दो हिस्से में बांट रही-कांग्रेस
कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को घेरा है. अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कांग्रेस ने पोस्ट कर कहा,PM मोदी ‘दो हिंदुस्तान’ बनाने में लगे हैं. एक हिंदुस्तान PM मोदी के अमीर दोस्तों का और दूसरा हिंदुस्तान देश के गरीब, पिछड़े, दलित और आदिवासियों का. आज देश के 1% सबसे अमीर लोगों के पास देश की 40% संपत्ति है. ये वो अमीर लोग हैं, जिनके लिए मोदी काम करते हैं. जिन्हें गिफ्ट में पोर्ट-एयरपोर्ट और देश की संपत्ति दी जाती है. PM मोदी का एक ही लक्ष्य है- जनता से लूटो, अमीर दोस्तों में बांटो.
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