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Ayodhya Land Scam: अयोध्या में बीजेपी ने जमकर भ्रष्टाचार किया है. अब एक एक कर वो सारे भ्रष्टाचार खुल रहे हैं. इस बीच अब बीजेपी का एक और भूमि घोटाला सामने आया है. इसमें करोड़ों की जमीन जो भारतीय सेना की ट्रेनिंग और युद्धाभ्यास के लिए रिजर्व की गई थी, उसे खरीदा गया. इसके बाद गवर्नर के द्वारा उस जमीन को डी-नोटिफाई करवा दिया गया. अब इस जमीन पर सेना की ट्रेनिंग के बजाय अडानी जैसे पीएम मोदी के मित्र लोग व्यापार करेंगे.
अयोध्या में अडानी ने खरीदी जमीन (Ayodhya Land Scam)
नवंबर 2023 में अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक से ठीक दो महीने पहले अडानी समूह की सहायक कंपनी होमक्वेस्ट इंफ्रास्पेस ने सरयू नदी के तट पर स्थित एक निर्जन क्षेत्र माझा जमथरा में 1.4 हेक्टेयर से अधिक जमीन खरीदी. इसके पहले फरवरी 2022 में श्री श्री रविशंकर द्वारा स्थापित फाउंडेशन व्यक्ति विकास केंद्र (वीवीके) ने माझा जमथरा के उसी क्षेत्र में 5.31 हेक्टेयर से अधिक जमीन खरीदी. इसके बाद जुलाई 2023 में योग गुरु रामदेव के भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से जुड़े लोगों ने उसी क्षेत्र में 3.035 हेक्टेयर जमीन खरीदी.
सेना के लिए रिजर्व थी जमीन (Ayodhya Land Scam)
आपको बता दें कि अडानी, रविशंकर और रामदेव ने जिस जमीन को खरीदा था, वो सेना की ट्रेनिंग और युद्धाभ्यास के लिए रिजर्व थी. राज्य सरकार ने इसे सेना बफर जोन के रूप में अधिसूचित किया था. यह जमीन फील्ड फायरिंग और तोपखाने अभ्यास के लिए आरक्षित सेना की जमीन के ठीक बगल में स्थित है, जहां निर्माण और वाणिज्यिक गतिविधियां सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधित होती हैं. लेकिन इसके बाद भी अडानी, रविशंकर और रामदेव ने इस जमीन को खरीदा.
कैसे हुआ खेल? (Ayodhya Land Scam)
जमीन खरीदे जाने के बाद इस घोटाले को छुपाने के लिए असली खेल खेला गया. जमीन का सौदा होने के बाद 30 मई, 2024 को राज्यपाल ने डी-नोटिफाई कर दिया. जिससे इस जमीन का इस्तेमाल कमर्शियल एक्टिविटी और कंस्ट्रक्शन के लिए हो सके. अब पीएम मोदी के करीबी लोग आसानी से इस जमीन पर अपना करोड़ों का कारोबार कर सकते हैं, जो सेना के लिए रिजर्व थी.
कांग्रेस ने उठाया मुद्दा
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस मुद्दे (Ayodhya Land Scam) को उठाया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस ने कहा, “आपको पता है? राम मंदिर बनने से पहले नरेंद्र मोदी के ‘खास दोस्त’ अडानी ने अयोध्या में जमीन खरीदी. यह जमीन भारतीय सेना की ट्रेनिंग और युद्धाभ्यास के लिए रिजर्व की गई थी. इसका मतलब कि इस जमीन को कोई खरीद नहीं सकता. लेकिन मोदी सरकार ने अपने दोस्त को फायदा दिलाने के लिए इस जमीन को डी-नोटिफाई करवा दिया. जमीन डी-नोटिफाई होने के बाद मोदी का ख़ास दोस्त अडानी अब राम नगरी की इस जमीन से करोड़ों रुपए बनाएगा. यानी नरेंद्र मोदी राम नगरी अयोध्या में भी भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं.”
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