ED investigation

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद राहुल गांधी ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ED के कार्रवाइयों पर सवाल उठाया है. राहुल गांधी ने कहा है कि ईडी (ED) सीबीआई (CBI) और आईटी ( IT) आदि अब सरकारी एजेंसियां नहीं रहीं, अब यह भाजपा की ‘विपक्ष मिटाओ सेल’ बन चुकी हैं. इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था कि बीजेपी खुलेआम सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल करके दूसरी पार्टियों के नेताओं को तोड़कर बीजेपी में शामिल करने का काम कर रही है.

प्रियंका गांधी ने भी उठाया सवाल

गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) ने बुधवार शाम झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ़्तार कर लिया. इससे पहले हेमंत सोरेन ने बुधवार शाम झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया, जिसे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने स्वीकार कर लिया. इस बीच ईडी की कार्रवाइयों पर सवाल उठ रहे हैं.कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि विपक्ष मुक्त संसद, लोकतंत्र मुक्त भारत, सवाल मुक्त मीडिया और सौहार्द मुक्त जनता, भाजपा सरकार का यही लक्ष्य है.

उन्होंने आगे कहा कि सारे राज्यों में एक-एक करके सरकारें गिराई जा रही हैं. विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, जो भाजपा में नहीं जाएगा, वह जेल जाएगा. भाजपा को यह भ्रम है कि वह 140 करोड़ लोगों की आवाज को कुचल सकती है. जनता हर जुल्म का जवाब देगी.

ED ने 95 फीसदी विपक्षी नेताओं को बनाया निशाना

सितंबर 2022 में इंडियन एक्सप्रेस ने ईडी के दर्ज किए केसों पर एक रिपोर्ट की थी. रिपोर्ट के अनुसार, 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से कुल 121 प्रमुख राजनेता ईडी की जांच के दायरे में हैं. जिन राजनेताओं पर ईडी ने मामला दर्ज किया, छापे मारे, पूछताछ की या गिरफ्तार किया, उनमें से 115 विपक्षी नेता हैं. यानी आसान शब्दों में समझे तो 2014 से 2022 तक ईडी के निशाने पर रहे क़रीब 95 फ़ीसदी यानी 115 नेता विपक्ष से थे.

सरकार गिराने की कोशिशें कर रही बीजेपी: हेमंत सोरेन

इससे पहले बन्हि हेमंत सोरेन ने दावा किया था कि 2019 से झारखंड की झामुमो सरकार को गिराने की कोशिशें बीजेपी करती रही है और जब कहीं से सफलता हाथ नहीं लगी तो ईडी के अफसरों को काम पर लगा दिया गया.

विपक्षी नेता ईडी के निशाने पर

राजस्थान, छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब ईडी की छापेमारी सत्ता से जुड़े लोगों के यहां हो रही थी. राजस्थान में नवंबर में तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था. बीते साल 2023 में ईडी ने डीएमके सरकार में मंत्रियों के दफ़्तर पर छापेमारी की थी.कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार भी सालों से ईडी के निशाने पर हैं. बिहार में खेल करने के बाद ईडी के रडार पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी हैं. उनसे भी घंटों तक मंगलवार को पूछताछ की गई.

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