Kanwar Yatra

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Supriya Shrinate on Muzaffarnagar Nameplate Controversy: कांवड़ यात्रा शुरु हो गई है. इसे लेकर यूपी की मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक नया आदेश जारी किया है. पुलिस ने कहा है कि यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली दुकानों पर दुकान, होटलों और ठेलों के मालिक का नाम लिखना जरूरी होगा. इस आदेश का असर दिखना शुरु हो गया है. ठेलों पर दुकनादारों ने अपने नाम की पटरी लगा ली है.

इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बड़ा कदम उठाया है. पहले केवल मुजफ्फरनगर पुलिस ने यह फरमान निकाला था, लेकिन अब सीएम योगी ने इस आदेश को राज्य भर में लागू कर दिया है. सीएम योगी का आदेश है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर दुकान के मालिकों की ‘नेमप्लेट’ लगानी होगी. योगी सरकार का कहना है कि इससे कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनी रहेगी.

वहीं इसे लेकर सियासत गरमा गई है. विपक्ष के नेता बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं. कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने इसे लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. इसके पहले अखिलेश यादव ने भी इसे लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा था.

सुप्रिया श्रीनेत ने कसा तंज (Muzaffarnagar Nameplate Controversy)

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि गरीब का बॉयकॉट करने वाला प्रशासन और डरपोक सरकार सिर्फ और सिर्फ अपनी विफलताएं छुपाने के लिए इस तरह की नफरत फैलाते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उन्होंने कहा, “एक गरीब रेहड़ी वाले को आदेश है कि वो अपने नाम की तख़्ती लगाये, जिससे कि कांवड़ियाँ मुसलमान फल वालों से कुछ ख़रीद ना लें. किसी मुसलमान के होटल में खाना न खा लें. जब बैठे बिठाए कुछ समझ ना आए तो नफ़रत का छौंका लगाना BJP की आदत है. कभी तो जोड़ने की बात करो, कब तक तोड़ोगे?”

श्रीनेत ने आगे अयोध्या और बद्रीनाथ में हुई बीजेपी की हार पर तंज कसते हुए कहा कि इस देश ने इतना बड़ा संदेश दिया फिर भी समझ नहीं आ रहा? उन्होंने कहा कि ईश्वर ना करे, लेकिन अगर तबियत बिगड़ जाए और सामने मुसलमान डॉक्टर हो तो क्या करेंगे? अगर खून की ज़रूरत पड़ जाए और खून देने वाला मुसलमान हो तब क्या करेंगे? और अगर नाम बबलू, मुन्ना, पप्पू और गुड्डू हुआ तो क्या करेंगे?

मेरा देश मोहब्बत का देश है- सुप्रिया श्रीनेत

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कितनी विडंबना है यह उन काँवड़ियों के लिये किया जा रहा है जो शिवरात्रि के लिये अर्पित होने वाले जल को लेने जाएँगे. यह फूहड़ और ढोंगी स्वयंभू धर्म के ठेकेदार भगवान शिव को और उनकी विराटता को कब समझेंगे? उन्होंने कहा कि किसी गरीब के पेट पर लात मारने पर मेरे भगवान मेरे महादेव बिलकुल प्रसन्न नहीं होंगे.

कांग्रेस नेता ने कहा कि मुस्लिमों से सामान ना खरीदने की इस साज़िश को समझिए. यह वही जाहिल हैं जो अयोध्या हारते ही वहाँ के हिंदुओं के बहिष्कार की वकालत करने लगे थे. गरीब का बॉयकॉट करने वाला प्रशासन और डरपोक सरकार सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी विफलताएँ छुपाने के लिए इस तरह की नफ़रत फैलाते हैं. लेकिन मेरा देश मोहब्बत का देश है और यह नफ़रत को बार-बार हरा देता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नफरत का बाज़ार मत लगाइए, सेब अब्दुल बेचे या अनिल बस मीठा होना चाहिए. कितना भी जोर लगाइए, जीत तो मोहब्बत की ही होगी.

अखिलेश यादव ने भी दी प्रतिक्रिया (Muzaffarnagar Nameplate Controversy)

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इसे (Muzaffarnagar Nameplate Controversy) लेकर योगी सरकार को घेरा है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे. ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं.”

जावेद अख्तर ने की नाजियों से तुलना (Muzaffarnagar Nameplate Controversy)

मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फैसले पर जावेद अख्तर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने यूपी पुलिस के इस फैसले की तुलना नाजियों से की है. एक्स पर पोस्ट करते हुए जावेद अख्तर ने लिखा है, “मुजफ्फरनगर पुलिस ने निर्देश दिए हैं कि निकट भविष्य में किसी विशेष धार्मिक जुलूस के मार्ग पर सभी दुकानों, रेस्तरां और यहां तक ​​कि वाहनों पर मालिक का नाम प्रमुखता और स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए. लेकिन क्यों ? नाज़ी भी जर्मनी में केवल विशेष दुकानों और घरों को निशान बनाते थे.”


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