NEET Paper Leak Case: नीट यूजीसी पेपर लीक मामले में सोमवार (8 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत में इस मामले पर 20 मिनट की सुनवाई हुई है. जिन छात्रों ने पेपर रद्द करने की मांग की है उनके वकील ने कोर्ट में कहा कि 14 जून को आने वाला रिजल्ट 4 जून को ही आ गया. बता दें कि कोर्ट आज 38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही थी, जिसमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स और कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने, जबकि 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने लगाई थी.
टेलीग्राम चैनल पर आई जानकारी
छात्रों के वकील ने कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले एक टेलीग्राम चैनल पर यह जानकारी आ गई कि कल होने वाले नीट परीक्षा का पेपर यहां मौजूद है. साथ ही उस परीक्षा की आंसर शीट भी मौजूद थी. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि आखिर आपके पास ऐसे क्या सबूत है जिसके आधार पर आप फिर से परीक्षा करवाने की मांग कर रहे हैं. इस पर वकील ने कहा कि अगर सिस्टम के लेवल पर ही फ्रॉड साबित हो रहा है तो फिर यह पूरी परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है. वकील ने कहा कि बिहार पुलिस की जांच में भी सामने आया है कि यह पूरे सिस्टम की खामी रही है.
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कही ये बात
सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये साफ है कि पेपर लीक हुआ है. सवाल ये है कि इसका दायरा कितना बड़ा है. ये समझना जरूरी है कि पेपर लीक कितना व्यापक है. सिर्फ दो लोगों की गड़बड़ी की वजह से पूरा एग्जाम कैंसिल नहीं किया जा सकता. हम ये जानना चाहते हैं कि NTA और सरकार ने अब तक पेपर लीक के आरोपियों को पहचानने के लिए क्या कदम उठाए हैं.
CJI ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि सरकार से पूछकर बताएं कि क्या हम साइबर फोरेंसिक विभाग के डेटा एनालिटिक्स यूनिट के जरिए पता नहीं लगा सकते है कि क्या पूरी परीक्षा प्रभावित हुई है? क्या गलत काम करने वालों की पहचान करना संभव है? इस तरह हम उन छात्रों के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं, जिन्होंने गड़बड़ी कर फायदा उठाया है. साथ ही CJI ने कहा कि रीएग्जाम की मांग कर रहे सभी याचिकाकर्ताओं के वकील गुरूवार तक एक कॉमन सेट कोर्ट में सब्मिट करें. ये 10 पेज से बड़ा नहीं होना चाहिए.
CBI और NTA को दिए ये निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने CBI का निर्देश दिया कि एजेंसी NEET UG पेपर लीक मामले में अब तक हुई जांच की एक रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करे. वहीं कोर्ट ने NTA से कहा कि कोर्ट NEET एग्जाम की ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित करने को लेकर चिंतित है, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. सरकार को इस पर एक्सपर्ट की मल्टी डिसिप्लिनरी टीम बनाने का विचार करना जरूरी है. अगर एक कमेटी बनाई जा चुकी है, तो उसकी पूरी डिटेल अदालत को दी जाए. इसके बाद कोर्ट ये तय करेगा कि कमेटी को काम करने की इजाजत दी जाए, या इसके गठन में बदलाव किया जाए.
सरकार ने माना- पेपर लीक हुआ
कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से यह भी सवाल किया कि क्या एनटीए यह मान चुकी है कि पेपर लीक हुआ है. इसपर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सिर्फ एक जगह पर ऐसा मामला सामने आया है और उस मामले में भी आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही जिन लोगों को फायदा मिला, उनकी पहचान हो चुकी है. सॉलिसिटर जनरल की इस दलील से यह साफ हो गया कि सरकार ने पहली बार कोर्ट में माना कि नीट का पेपर लीक हुई है. सरकार ने कहा कि सिर्फ पटना में ऐसी शिकायत सामने आई जिस मामले में आरोपी गिरफ्तार हो चुका है.
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