Policies of Modi Government: कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक बयान जारी कर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मनमाने ढंग से नोटबंदी, जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने और बिना तैयारी के लगाए गए कोविड-19 लॉकडाउन से रोजगार सृजन करने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को तबाह कर दिया. साथ ही जयराम रमेश ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी लगातार पीएम मोदी को आगाह करती आ रही है लेकिन उन्होंने अपनी गलत नीतियों पर अड़े रहे और देश को बर्बाद कर दिया.
कांग्रेस ने किया आगाह
जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ‘ क्रेडिट रेटिंग फर्म इंडिया रेटिंग्स की एक नई रिपोर्ट ने इस बात की पुष्टि की है जिसे लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लगातार आगाह करती आ रही है. नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री द्वारा भारत के MSMEs और असंगठित व्यवसायों पर सुनियोजित ढंग से किया गया हमला एक आर्थिक तबाही है.’
उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, ‘इन तीन झटकों (नोटबंदी, जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने और बिना तैयारी के लगाए गए कोविड-19 लॉकडाउन ) के कारण 63 लाख असंगठित क्षेत्र के उद्यम बंद हुए, जिससे 1.6 करोड़ नौकरियां चली गई. ऐसे समय में जब रिकॉर्ड संख्या में युवा श्रम बाजारों में प्रवेश कर रहे हैं, मोदी सरकार नौकरियों के अवसरों को नष्ट कर रही है. मेक इन इंडिया के तमाम प्रचार, दिखावे और दावे के बावजूद, मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की नौकरियां वित्त वर्ष 2016 में 3.6 करोड़ से घटकर वित्त वर्ष 23 में 3.06 करोड़ हो गई. भारत में बेरोजगारी की समस्या को हल करने और स्थायी मध्यम-आय की स्थिति तक पहुंचने में मैन्युफैक्चरिंग का अहम रोल है. नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को तहस नहस कर दिया है.’
पूर्व पीएम ने की थी संसद में निंदा
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने आगे कहा, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लगातार नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को इन नतीजों को लेकर चेतावनी देती रही है. पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने खुद संसद में नोटबंदी की निंदा करते हुए इसे “संगठित और वैधानिक लूट” बताया था. ‘
वहीं, उन्होंने यह भी बताया, ‘राहुल गांधी ने बार-बार MSMEs पर जीएसटी के खतरनाक दुष्परिणामों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि यह न तो गुड है और नहीं सिंपल टैक्स है. अप्रैल 2020 में, अर्थशास्त्रियों और स्टेकहोल्डर्स के साथ व्यापक परामर्श करने के बाद, INC ने COVID-19 महामारी की तबाही के बीच असंगठित क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए पांच सूत्री कार्यक्रम पेश किया था. 1.4 अरब भारतीय अब नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के मित्र पूंजीवाद, मनमानी नीति निर्धारण और मुद्दों को रचनात्मक रूप से हल न करने के आर्थिक दुष्परिणामों को भुगतने को मजबूर हैं.’
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