Sengol Dispute: विपक्ष इस बार सदन में मजबूती के साथ अपनी बात रख रहा है. विपक्षी दलों के सांसद हर बात मुखरता से कह रहे हैं. अब समाजवादी पार्टी के एक सांसद ने संसद से ‘सेंगोल’ को हटाने की मांग की है. जिसको लेकर विवाद गरमा गया है.
दरअसल, लखनऊ के मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद आरके चौधरी ने कहा है कि संसद में सेंगोल की जगह संविधान की कॉपी रखी जानी चाहिए. चौधरी ने संसद में मौजूद सेंगोल को ”राजशाही” का प्रतीक बताया और कहा कि हमारा संविधान भारतीय लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है. जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है. हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजे-रजवाड़े का महल नहीं. ‘
ओम बिरला को लिखा पत्र
चौधरी ने इसको लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र भी लिखा है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि शपथ लेते हुए वह खुद सेंगोल को देखकर “आश्चर्यचकित” थे. उन्होंने कहा कि संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने संसद में सेंगोल स्थापित किया है. मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेंगोल को संसद से हटाया जाए.
अखिलेश यादव ने भी दी प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चौधरी के बयान पर कहा, “जब सेंगोल स्थापित किया गया था, तो प्रधानमंत्री ने इसे झुकाया था. लेकिन इस बार शपथ लेते समय वह झुकना भूल गए. मुझे लगता है कि हमारे सांसद प्रधानमंत्री को इसके बारे में याद दिलाना चाहते थे.” सपा सांसद के बयान पर शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने कहा कि संविधान अहम है. हम इंडिया ब्लॉक की बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे.
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