Supriya Shrinate: कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने बुधवार (10 जुलाई) को पीएम मोदी के अतरंगी बयानों को लेकर उनपर तंज कसा. पीएम मोदी का नाम लिए बिना ही सुप्रिया श्रीनेत ने उन्हें बैल बुद्धि की उपाधि दे दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि ‘बैल बुद्धि’ होने के मायने होते हैं उटपटांग हरकतें और फिजूल की बातें करना.
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया बैल बुद्धि के मायने
सुप्रिया श्रीनेत ने आगे बैल बुद्धि का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि खुद को आदमी नहीं भगवान का अवतार बताना, विज्ञान की ऐसी तैसी करके कहना बादल फाइटर प्लेन को रडार से बचा सकते हैं, नाले से गैस निकालकर उस पर चाय बनाने के तरीक़े बताना, ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों को नकार कर कहना कि गर्मी नहीं बढ़ रही है, हमारी सहनशीलता कम हो रही है, क्लाइमेट चेंज को ताक पर रख कर कहना कि ठंड नहीं बढ़ रही, हम बुड्ढे हो रहे हैं और एक्स्ट्रा 2ab का फ़ालतू फार्मूला बतियाना ‘बैल बुद्धि’ होने के मायने होते हैं.
उदाहरण देकर समझाया
कांग्रेस प्रवक्ता (Supriya Shrinate) ने आगे और भी ऐसे उदाहरण दिए. उन्होंने कहा कि बचपन में एक मगरमच्छ को तालाब से पकड़कर घर लाने की डींगें हांकना, रोज़गार के नाम पर पकौड़ा तलने की सलाह देना, 140 करोड़ लोगों के देश में 600 करोड़ मतदाता ढूँढ लेना, अलग अलग शताब्दियों में हुए गुरु नानक, संत कबीर और स्वामी विवेकानंद के एक साथ बैठ कर संवाद की बात करना, माइक्रोसॉफ़्ट के फाउंडर बिल गेट्स को आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) पर ज्ञान देना, ईमेल और डिजिटल कैमरे के ईजाद होने से पहले ही उसका इस्तेमाल करना, फोटोग्राफ़िक नहीं बल्कि फ़ोटोजेनिक याददाश्त होने की डींगें हांकना भी बैल बुद्धि होने के मायने हैं.
इसके अलावा नोटबंदी जैसे बेसिर पैर के निर्णय कर अर्थव्यवस्था का भट्ठा बिठा देना, ऐसा GST लगाना कि कंपनी, CA, टैक्स देने वाले और लेने वाले सब घनचक्कर बने रहें, ख़ुद कोई भी भर्ती परीक्षा नहीं देकर भी छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा करना, टेलीप्रोम्पटर बंद होते ही बगले झांकने लगना और हर जगह अपना से पुराना नाता बना लेना भी बैल बुद्धि के मायने होते हैं.
सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा कि लिस्ट बहुत लंबी है, ये तो बैल बुद्धि के लक्षण मात्र हैं. इसके साथ ही उन्होंने डिस्क्लेमर भी लिखा और कहा कि इस पोस्ट का संबंध किसी बायोलॉजिकल व्यक्ति से जरूर हो सकता है लेकिन नान-बायोलॉजिकल से होने का सवाल ही नहीं उठता.
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