Lok Sabha Election News: लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों का एलान हो चुका है. ऐसे में देश भर की कई लोकसभा सीटें ‘हॉट सीट’ बनी हुई हैं. कई सीटों पर मुकाबला बेहद रोचक होने वाला है. इस बीच गैंगस्टर से माननीय बने मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से गाजीपुर सीट का समीकरण बदल गया है. यहां बीजेपी पहले से ही बैकफुट पर है. लेकिन अब बीजेपी ने ऐसा फैसला लिया है, जिसे देख लोग कह रहे हैं कि यहां विपक्ष को वॉकओवर मिल गया है.
मुख़्तार अंसारी के बड़े भाई हैं अफजाल अंसारी
दरअसल, इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी ने गाजीपुर से मुख़्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को मैदान में उतारा है. अफजाल अंसारी पहले से कई बार के सांसद हैं और छोटे भाई मुख्तार के निधन के बाद बड़ी संख्या में लोगों की सहानुभूति भी उनके पक्ष में हैं. ऐसे में बीजेपी ने पारसनाथ राय को कैंडिडेट बनाकर मैदान में उतारा है, जिसे देख लोग हैरानी जता रहे हैं.
एक तरफ जहां अफजाल अंसारी मऊ से 5 बार के विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई है. अफजाल खुद 2019 में बहुजन समाज के टिकट पर चुनाव जीते थे. उन्होंने इस चुनाव में बीजेपी के कैंडिडेट मनोज सिन्हा को हराया था. वहीं 2019 में हारी हुई सीट पर जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी ने पारसनाथ राय पर दांव खेला है. अब यह बात राजनीति में दिलचस्पी रखने वाला हर इंसान जानता है कि अफजाल अंसारी के आगे पारसनाथ राय का कद बेहद छोटा है. ऐसे में बीजेपी की सोच समझ से परे है कि क्यों भाजपा ने इनपर दांव लगाया है.
बीजेपी ने अपने इस फैसले से सबको हैरान कर दिया है. क्योंकि पारसनाथ राय का नाम गाजीपुर सीट से संभावित दावेदारों की लिस्ट में दूर दूर तक कही नहीं चल रहा था. पारसनाथ राय जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बेहद करीबी माने जाते हैं. वे लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS से जुड़े रहे हैं. इस समय जौनपुर में सह विभाग संपर्क प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही शिक्षा क्षेत्र से जुड़े रहे हैं.
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