PM Modi
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PM Modi 12 मई की रात 8 बजे पहलगाम आतंकी हमले से लेकरऑपरेशन सिंदूर को लेकर जुबानी जमाखर्ची करने वाले हैं. देश के लोगों को अब कौन सा जुमला देंगे पता नहीं, क्योंकि उम्मीद नहीं थी कि हमारा देश पाकिस्तान को ऐसे ही जाने देगा. हमारे प्रधानमंत्री भारतीय सेना के उस पराक्रम को रोक देंगें, जो पाकिस्तान के खिलाफ दिखा रही थी.
PM Modi ने सेना को पराक्रम दिखाने से रोका
PM Modi हर बार 8 बजे आते हैं, देश की जनता को बड़गलाने की कोशिश करते हैं और फिर चले जाते हैं. फिर सालों तक नहीं दिखते हैं, बिना चुनावी रैली के. 12 मई यानी की आज फिर आ रहे हैं और सेना के पराक्रम को अपना बताएंगे, लेकिन ये नहीं बोलेंगे कि कैसे उन्होंने ट्रंप के आदेश का पालन किया है. कैसे भारत की सरकार अमेरिका के सामने कुछ बोल नहीं पाई. उसके एक बार कहने पर ही कैसे PM Modi की सरकार ने सीजफायर पर हामी भर दी. नाह ये सब नहीं कहेंगे तो फिर क्या कहेंगे?
जब भी 8 बजे आए PM Modi, देश को विपत्ति में डाला
PM Modi जब भी 8 बजे रात में जुबानी जमाखर्ची करने आते हैं, देश के नाम और कुछ तो नहीं, विपत्ति डालकर जरूर चले जाते हैं. नोटबंदी के समय भी हमने यही देखा था. नोटबंदी से कितना फायदा हुआ ये तो पीएम मोदी ही जानें, लेकिन एक बात तो सच है कि पाकिस्तान के साथ सीजफायर करने के बाद भारत अपमानित हुआ है. सीजफायर नहीं होना चाहिए था, ऐसा मानना देश के लोगों का है, जिन्होंने मोदी सरकार पर भरोसा दिखाया.
सेना के पराक्रम को अपना बता सकते हैं पीएम मोदी
आखिर आज 8 बजे रात में टीवी पर आकर PM Modi कहेंगे क्या. यही ना कि हमने पाकिस्तान को धूल चटा दिया है, फिर इनका एक पोस्टर एकनाथ शिंदे जैसे विभीषण टाइप के लोग रोड साइड कहीं लगा देंगे और सेना ने जो किया उसका भी क्रेडिट मोदी जी को थमा देंगे
सीजफायर से पहले विपक्ष से बात तक नहीं PM Modi ने
आपको बता दें कि PM Modi ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही ना तो कोई बयान दिया, ना किसी की बात सुनी और यहां तक की घमंड में चूर मोदी जी ने किसी भी सर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लिया. सीजफायर पर फैसला करने से पहले विपक्ष से एक बार पूछा तक नहीं, सीधे फैसला ले लिया. विपक्ष ने सीजफायर के बाद सदन में विशेष सत्र की मांग भी की पर मोदी जी के कान में विपक्ष की ये आवाज भी नहीं गई. अब जाती भी कैसे, ट्रंप भैय्या ने जो मोदी जी को कह दिया था सीजफायर करने.
आपको बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया. जिसमें सेना ने 100 से ज्यादा आतंकी मार गिराए और 40 नापाक सैनिकों को भी ढ़ेर कर दिया. फिर अचानक से 10 मई को भारत ने सीजफायर पर हामी भर दी. और इसका अनाउंसमेंट अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने किया.
PM Modi से बेहतर तो यूक्रेन के राष्ट्रपति निकले
PM Modi, आपसे तो बेहतर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की निकले. जो महाश्क्तिशाली देश रूस से लड़ने के लिए तैयार थे, पर झुकने के लिए नहीं… ट्रंप ने जेलेंस्की को समझाने की कोशिश की तो उल्टा जेलेंस्की ने ही ट्रंप को समझा दिया. वहीं मोदी जी ने क्या किया, ट्रंप भैय्या ने कह दिया तो सीजफायर कर दिया और सेना का मनोबल तोड़ दिया. देखिए इसमें भी कोई शक नहीं है कि पीएम मोदी को लगा था कि थोड़ा इधर-उधर कर लेता हूं, फिर फोटो खिचवा लूंगा.
लेकिन PM Modi फोटो के चक्कर में युद्ध में जल्दबाजी कर दी. डिप्लोमेटिक लेवल पर कोई देश भारत का साथ नहीं दिया. फिर सेना ने जैसे ही पाकिस्तान के लगभग सभी एयरबेस को ध्वस्त किया तो अमेरिका से आए एक कॉल पर ही सीजफायर के लिए तैयार भी हो गए. पीएम मोदी को ये समझ ही नहीं आया कि ऐसे काम नहीं चलता है.
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