'मैं भी मर जाता तो अच्छा था…', 'Operation Sindoor' के बाद गिड़गिड़ा रहा Masood Azhar

'मैं भी मर जाता तो अच्छा था…', 'Operation Sindoor' के बाद गिड़गिड़ा रहा Masood Azhar

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Masood Azhar: भारत ने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों और उनके ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है. भारतीय सेना ने इस बार पाकिस्तान में 100 KM अंदर तक घुसकर आतंकियों को मारा है. भारत  सेना पाकिस्तान पर हुए इस हमले को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया है. भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर (Masood Azhar) के परिवार के 14 लोगों को मार गिराया है. मारे गए लोगों में मसूद की पत्नी, बेटा और भाई रऊफ असगर  भी शामिल हैं. मारे जाने वालों की लिस्ट में मसूद अज़हर (Masood Azhar) का भाई और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी रऊफ असगर का बेटा हुज़ैफ़ा भी शामिल है.

मैं भी मर जाता तो अच्छा था: मसूद अजहर

इसके अलावा, रऊफ असगर के भाई की पत्नी की भी मौत की खबर आ रही है. इस हमले के बाद मसूद अजहर ने कहा है कि अच्छा होता कि इस हमले में मै भी मारा जाता. जैश-ए-मोहम्मद ने एक बयान में कहा गया है, “मौलाना मसूद अजहर की बड़ी बहन के साथ मौलाना कशफ का पूरा परिवार मारा गया है और मुफ्ती अब्दुल रऊफ के पोते-पोतियां, बाजी सादिया के पति समेत सबसे बड़ी बेटी के चार बच्चे घायल हुए हैं. मसूद अजहर (Masood Azhar) का जन्म 10 जुलाई 1968 को पाकिस्तान के बहावलपुर, पंजाब में हुआ था.

कश्मीर को पाक में मिलाना चाहता है मसूद

वह 11 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर है. मसूद (Masood Azhar) कश्मीर को भारत से छीनकर पाकिस्तान में मिलाने का सपना देखता है. इसी सपने को साकार करने के लिए मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन की स्थापना की थी. वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आतंकियों को ट्रेनिंग देता है और अपने संगठन का विस्तार करने के लिए नए मदरसे खोलने की योजना बनाता रहता है.

इसी ने कराया था जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हमला

बता दें कि मसूद भारत के लिए सबसे खतरनाक आतंकवादियों में से एक माना जाता है. मसूद अजहर को कंधार विमान हाईजैक के सात दिन बाद यानी 31 दिसंबर 1999 को रिहा कर दिया गया था. इसके बाद से वह पाकिस्तान में छिपकर कई बड़े आतंकी हमलों की साजिश रचता रहा है. साल 2001 में संसद हमले में भी इसी मसूद का हाथ था, जिसमें 14 लोग मारे गए थे, इसके अलावा मसूद (Masood Azhar) ने ही साल 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला कराया था, जिसमें 38 लोग  शहीद हुए थे. साल 2016 में पठानकोट और उरी हमले में भी इसी दरिंदे का हाथ था, तब  27 भारतीय जवान शहीद हुए थे.  

इसके बाद मसूद (Masood Azhar) ने साल 2019 में पुलवामा को दहलाया था, तब  40 CRPF जवान मारे गए थे. इस हमले के बाद ही संयुक्त राष्ट्र ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित किया था. वह किडनी की बीमारी से जूझ रहा है और आखिरी बार जून 2024 में एक शादी में दिखा था, और हाला ही में खबर आई थी कि मसूद बहावलपुर में जमिया मस्जिद सुभान अल्लाह कॉम्प्लेक्स में रहता है, जो जैश का मुख्यालय है.

भारतीय सेना ने खत्म किया मसूद का खानदान!

हालांकि, भारत के हमले में मसूद मारा गया है यह नहीं, इस बात की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है. लेकिन इतना साफ़ है कि भारतीय सेना ने मसूद (Masood Azhar) के पूरे खानदान को ख़त्म कर दिया है. इससे पहले 22 अप्रैल को पाकिस्तान से आये आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम को दहलाया था, जिसमें 28 बेगुनाह पर्यटक मारे गए थे. इस घटना के बाद से ही 140 करोड़ भारतीय का खून खौल रहा था और अब जाकर भारत का बदला पूरा हुआ है.

इस हमले के बाद दुखी मसूद अजहर (Masood Azhar) ने कहा कि अच्छा होता कि इस हमले में मै भी मारा जाता. जैश-ए-मोहम्मद ने एक बयान में कहा गया है, “मौलाना मसूद अजहर की बड़ी बहन के साथ मौलाना कशफ का पूरा परिवार मारा गया है और मुफ्ती अब्दुल रऊफ के पोते-पोतियां, बाजी सादिया के पति समेत सबसे बड़ी बेटी के चार बच्चे घायल हुए हैं. ज्यादातर महिलाएं और बच्चे मरे हुए हैं.”


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