Election Commission on EVM Hacking: देश में ईवीएम को लेकर एक बार फिर घमासान मचा हुआ है. शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद जब विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए, तो आज यानी रविवार (16 जून) को इलेक्शन कमीशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी है. चुनाव आयोग ने विपक्ष के सारे आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी नहीं लगता है.
आयोग ने आरोपों को बताया फर्जी
रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी (Election Commission on EVM Hacking) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी नहीं लगता है. उन्होंने कहा कि ईवीएम डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता, अखबार द्वारा पूरी तरह से गलत खबर चलाई गई है. ईवीएम स्टैंडअलोन सिस्टम है. उन्होंने कहा कि खबर पूरी तरह से गलत है और हमने पेपर को नोटिस इशू किया है. 499 आईपीसी के तहत मानहानि का केस भी दर्ज किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
खबर चल रही थी कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट 48 वोटों से जीतने वाले एनडीए उम्मीदवार रवींद्र वायकर का रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर 4 जून को नेस्को सेंटर के अंदर उस फोन का इस्तेमाल कर रहा था, जो ईवीएम से जुड़ा था. पुलिस ने बताया कि मंगेश के इस फोन का इस्तेमाल ईवीएम मशीन को अनलॉक करने वाले ओटीपी को जेनरेट करने के लिए किया गया था.
कांग्रेस ने उठाए थे सवाल
इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने कई सवाल खड़े किए और चुनाव आयोग से स्पष्टिकरण की मांग की थी. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कांग्रेस ने सवाल किया है कि आखिर NDA के कैंडिडेट (Ravindra Waikar) के रिश्तेदार का मोबाइल EVM से क्यों जुड़ा था? इसके साथ ही पूछा है कि जहां वोटों की गिनती हो रही थी, वहां मोबाइल फोन कैसे पहुंचा? कांग्रेस ने कहा कि सवाल कई हैं, जो संशय पैदा करते हैं.
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