Congress on NEET Scam

Congress on NEET Scam: NEET घोटाले पर कांग्रेस के 3 तथ्य और 3 सवाल, मोदी सरकार दे जवाब

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Congress on NEET Scam: नीट परीक्षा में हुई धांधली को लेकर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार (22 जून) को कहा कि NEET घोटाले मे भाजपा जितनी भी कोशिश कर ले, धाँधली, भ्रष्टाचार और शिक्षा माफिया को बढ़ावा देने की अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती. खड़गे ने नीट घोटाले को लेकर 3 तथ्य बताए और मोदी सरकार से 3 सवालों के जवाब मांगा है. साथ ही उन्होंने कहा कि नया कानून लाना केवल भाजपाई लीपापोती ही है. जब तक शिक्षा प्रणाली व स्वायत्त संस्थानों को BJP-RSS की दखलंदाजी व दुष्प्रभाव से मुक्त नहीं किया जाएगा, तब तक ये धाँधली, चोरी, भ्रष्टाचार चलता रहेगा.

पेपर लीक के विरुद्धा कानून नोटिफाई नहीं हुआ

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पेपर लीक के विरूद्ध कानून नोटिफाई नहीं हुआ था. जब शिक्षा मंत्री की प्रेस वार्ता में उनसे इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ये कनून नोटिफाई हो गया. 13 फरवरी 2024 में इस कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी, पर कानून बीती रात को ही नोटिफाई हुआ है. उन्होंने सवाल किया कि मोदी सरकार के शिक्षा मंत्री ने फिर ये झूठ क्यों बोला कि कानून नोटिफाई हो गया है और विधि एवं न्याय मंत्रालय को उसके नियम बनाने ही रह गए हैं?

दोबारा क्यों नहीं होगी परीक्षा?

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा मंत्री पहले तो पेपर लीक को नकारते रहे, फ़िर जब गुजरात, बिहार, हरियाणा में गिरफ़तारियाँ हुईं, तब कह रहें हैं कि चूँकि कुछ जगहों पर स्थानीय तौर पर पेपर लीक हुए हैं, इसलिए दोबारा परीक्षा नहीं करा पाएंगे. जबकि तथ्य है कि 2015 में Pre-Medical Test में महज 44 छात्रों की संलिप्तता थी, तब भी सुप्रीम कोर्ट के कहने पर 6 लाख अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा दोबारा कराई गई. उन्होंने सवाल किया कि NEET पर भी माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर 0.001 भी घपला हुआ है तो वो कार्रवाई होनी चाहिए, पर मोदी सरकार परीक्षा दोबारा क्यों नहीं करवा रही, जबकि शिक्षा मंत्री ने “गड़बड़ी” की बात मान ली है?

कड़ा कदम क्यों नहीं उठाती मोदी सरकार?

खड़गे ने तीसरा तथ्य बताते हुए कहा कि 9 दिनों में NTA ने 3 बड़ी परीक्षाएं रद्द या स्थगित की हैं. क़ानून पास करवाने के बाद भी भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में UPPRPB का पेपर लीक हुआ, जिसके तार गुजरात की एक कंपनी से जुड़े पाएं गए हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्यों पेपर लीक के विरूद्ध कानून पास करवाने के बाद भी पेपर लीक हो रहें हैं? पिछले 7 सालों में जब 70 पेपर लीक हुए, तब मोदी सरकार ने उसपर कोई कड़ा क़दम क्यों नहीं उठाया?


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