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Inflation In India: देश में बढ़ती महंगाई और बेजगारी ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है. अमीर और गरीब के बीच की खाई लगातार बढ़ती जा रही है. अमीर…और अमीर होते जा रहे हैं, वहीं गरीब…और गरीब होते जा रहे हैं. रोजमर्रा की चीजों के दाम भी सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं. बढ़ती महंगाई (Inflation In India) के कारण गरीब आदमी परेशान है. रोजगार का अलग रोना, युवाओं के लिए नौकरियों के लाले पड़े हुए हैं. हालांकि सरकार इन सब चीजों से मुंह मोड़े हुए हैं.
इसी बीच PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में धीमी वेतन वृद्धि और कमरतोड़ महंगाई (Inflation In India) के कारण श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी में गिरावट आई देखने को मिली है. इसी बीच कांग्रेस नेता ने दावा है कि भारत के श्रमिकों की क्रय शक्ति (चीज़ों को खरीदने की क्षमता) आज 10 साल पहले की तुलना में कम हो गई है.
10 साल पहले की तुलना में कम मजदूरी
कांग्रेस नेता जयराम रमेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों सहित डेटा के कई स्रोतों में एक तथ्य समान रूप से सामने आ रहा है. आज श्रमिकों की क्रय शक्ति (खरीदारी करने की क्षमता) 10 साल पहले की तुलना में कम है. धीमी वेतन वृद्धि और कमरतोड़ महंगाई (Inflation In India) के कारण वास्तविक मजदूरी में अभूतपूर्व गिरावट आई है.
- श्रम ब्यूरो का वेतन दर सूचकांक (सरकारी डेटा): 2014 और 2023 के बीच, श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी (Salary of Workers in India) स्थिर हो गई है, और 2019 से 24 के बीच तो कम भी हो गई है.
- कृषि मंत्रालय की कृषि सांख्यिकी एक नज़र में (सरकारी डेटा): डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में, खेतिहर मजदूरों की वास्तविक मजदूरी हर साल 6.8% की दर से बढ़ी. प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में वास्तविक मजदूरी में हर साल -1.3% की गिरावट आई है.
- आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण श्रृंखला (सरकारी डेटा): समय के साथ औसत वास्तविक कमाई 2017 और 2022 के बीच सभी तरह के रोज़गारों – नियमित वेतन प्राप्त करने वाले श्रमिकों, कैजुअल वर्कर्स, और स्वरोजगार में लगे श्रमिकों में स्थिर हो गई.
- सेंटर फॉर लेबर रिसर्च एंड एक्शन 2014 और 2022 के बीच ईंट भट्ठों के श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी स्थिर हो गई है या घट गई है. ईंट भट्टे का काम अत्यधिक शारीरिक श्रम और कम वेतन वाला काम है जो सबसे गरीब लोगों का अंतिम विकल्प है.
कांग्रेस पार्टी ने दी थी गारंटी
उन्होंने आगे कहा, “हमारे श्रमिकों को न्याय दिलाने और स्थिर मजदूरी (Inflation In India) के इस चक्र को तोड़ने के लिए, कांग्रेस पार्टी ने अपने न्याय पत्र में हर महीने 400 रुपए न्यूनतम मजदूरी देने की गारंटी दी थी. स्वयंभू नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के लोकसभा में 400 पार पहुंचने के प्रयासों को मतदाताओं ने सिरे से खारिज कर दिया है. केंद्रीय बजट उन्हें वह प्राप्त करने करने का मौका देता है जिसे कांग्रेस ने असली 400 पार कहा है. राष्ट्रव्यापी 400 रुपए प्रतिदिन न्यूनतम वेतन एक ऐसा विचार है जिसका समय आ गया है.”
थोक महंगाई (Inflation In India) दर में बढ़ोत्तरी
वहीं, हाल ही में सांख्यिकी मंत्रालय ने देश में थोक महंगाई (Inflation In India) दर के आंकड़े जारी किए थे. जिसके मुताबिक, देश में थोक महंगाई दर 16 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण जून में थोक महंगाई दर 16 महीने के उच्चतम स्तर 3.36% है. साथ ही प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर पिछले महीने (मई) ये 7.20 फीसदी से बढ़कर जून में 8.80 फीसदी हो गई है.
मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई (Inflation In India) दर में भी इजाफा हुआ है. यह मई 1.03 फीसदी से बढ़कर जून में 1.43 फीसदी हो गई है. इसके अलावा जून के महीने में अंडे, मांस और मछली जैसी खाद्य वस्तुओं की कीमतें गिरकर शून्य से नीचे चली गई हैं. जून में अंडा, मांस और मछली की महंगाई दर -2.19 प्रतिशत रही. मई में यह 1.58 प्रतिशत पर थी.
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