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Train Accident in UP: उत्तर प्रदेश के अमरोहा में शनिवार को रेल हादसा हो गया. यहां पर मालगाड़ी के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे हड़कंप मच गया. घटना की वजह से दिल्ली-लखनऊ रेलवे लाइन की दोनों लाइन बंद हो गई है. साथ ही लखनऊ से दिल्ली जाने वाली सारी ट्रेनों के रूट भी बदल दिए गए हैं. एडीएम अमरोहा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि अमरोहा में मालगाड़ी पलटी है और इसके 10 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. उन्होंने बताया कि ट्रेन के दो डिब्बों में केमिकल भरा है, जबकि 8 डिब्बे खाली हैं. हादसे की वजह से कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं.
वहीं इसके बाद राजस्थान के अलवर जिले में शनिवार आधी रात को बड़ा ट्रेन हादसा हो गया. अलवर रेलवे जंक्शन से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर एक मालगाड़ी के तीन डब्बे पटरी से उतर गए. यह मालगाड़ी अलवर की तरफ आ रही थी और इसे रेवाड़ी की तरफ जाना था. उसी दौरान तिजारा पुलिया के पास अचानक यह हादसा हो गया. बता दें कि हादसे के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.
4 दिन में चौथा ट्रेन हादसा (Train Accident)
इसके पहले 18 जुलाई को यूपी के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 6 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में मरने वालों की संख्या 4 हो गई है. जबकि 32 लोग घायल हैं. गोंडा के जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि घायलों में से करीब 6 की हालत गंभीर बनी हुई है.
वहीं इसके अगले दिन यानी 19 जुलाई को गुजरात के वसलाड़ और सूरत स्टेशनों के बीच एक मालगाड़ी का डिब्बा पटरी से उतर गया. हालांकि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ. लेकिन हादसे की वजह से मार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ है.
कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा
विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इन हादसों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने सवाल उठाया कि तीन दिन में तीन ट्रेन हादसे हुए, इन हादसों का जिम्मेदार कौन है? अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट कर कांग्रेस ने कहा, “पिछले 3 दिन में ये तीसरा ट्रेन हादसा है. यूपी के अमरोहा में मालगाड़ी के कई डिब्बे पटरी से उतर गए.”
पार्टी ने आगे कहा कि मोदी सरकार में हर कुछ दिन पर ट्रेन हादसों की खबर आती थी, लेकिन अब रोज ऐसी खबरें आ रही है. कांग्रेस ने कहा कि सरकार की अनदेखी ने देश की लाइफ लाइन कही जाने वाली रेल को बर्बाद कर दिया है. कांग्रेस ने आगे तंज कसते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी इवेंटबाजी और रेलमंत्री सिर्फ रील बनाने में व्यस्त हैं. उन्हें लोगों के जान-माल से कोई मतलब नहीं. मोदी सरकार की अनदेखी ने देश की लाइफ लाइन कही जाने वाली रेल को तबाह कर दिया है.
पिछले महीने हुआ था भीषण हादसा
इसके पहले पिछले महीने 17 जून को पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी के पास एक भीषण बड़ा रेल हादसा हुआ था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे में कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन की मालगाड़ी से भिड़ंत हो गई थी. हादसेत में 60 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. यह हादसा कितना भयावह था इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि कंचनंजगा एक्सप्रेस का एक कोच मालगाड़ी पर चढ़ते हुए आसमान की ओर उठ गया. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं. जानकारी के अनुसार दोनों ट्रेनें एक ही ट्रैक पर आ गई थीं, जिसके चलते यह हादसा हुआ है.
आंकड़ों की बात करें, तो साल 2014 से 2024 के बीच में कुल 64 रेल हादसे (Train Accident) हुए, जिसमें लगभग 858 लोगों की जान चली गई है और हजारों की संख्या में लोग घायल हुए. हालांकि मोदी सरकार ने इन हादसों को गंभीरता से नहीं लिया है. नतीजन ट्रेन हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
पिछले 10 सालों में हुए रेल हादसों के आंकड़े (Train Accident in 10 Years) –
- 2014, 3 हादसे, 49 मौतें
- 2015- 7 हादसे , 113 मौतें
- 2016- 8 हादसे, 155 मौतें
- 2017- 8 हादसे, 67 मौतें
- 2018- 5 हादसे, 71 मौतें
- 2019- 5 हादसे, 7 मौतें
- 2020- 2 हादसे, 19 मौतें
- 2021- 4 हादसे, 2 मौतें
- 2022- 3 हादसे, 9 मौतें
- 2023- 18 हादसे, 349 मौतें
- 2024 (17 जून) तक- 2 हादसे, 17 मौतें
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