उग्र किसान आंदोलन को देखते हुए प्रशासन तमाम तरह की सावधानियां बरत रहा है. राजधानी दिल्ली की सीमाओं को बंद किया जा रहा है. रोड ब्लॉक किए जा रहे हैं, किसान दिल्ली न पहुंच पाए, इसके लिए उनके रास्तों में कीलें बिछाई गई है, जिसके वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
इसके अलावा किसानों की दिल्ली में एंट्री रोकने के लिए सीमा पर भारी पुलिसबल तैनात हैं. दूसरी तरफ किसानों के आंदोलन के देखते हुए पूरी दिल्ली में 12 मार्च तक के लिए धारा 144 लगा दी गई है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने राजधानी में धारा 144 लगाने का आदेश दिया है.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है. सीमाओं को बैरिकेड्स से बंद कर दिया गया है. वहीं पुलिस ने अपने जासूसों को भी आगाह कर दिया है.
धारा 144 लगने पर इलाके या क्षेत्र में 5 या उससे ज्यादा व्यक्तियों के एक साथ जमा होने पर रोक होती है. अब दिल्ली में कहीं भी अब 5 या उससे ज्यादा लोगों के जुटने की मनाही होगी. इसका पालन न करना कानून का उल्लंघन माना जाएगा. हालांकि विशेष कार्यक्रमों के लिए पुलिस से अनुमति लेनी होगी. पुलिस की अनुमति के बाद ही किसी तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकेगा.
धारा 144 में क्या-क्या पाबंदी लग जाती है?
धारा 144 लागू होने के बाद सड़कों पर सभा, विरोध प्रदर्शन, रैली, पब्लिक मीटिंग करने पर रोक लग जाती है. इसके अलावा ट्रैक्टर और ट्रॉली की एंट्री पर रोक लगाई जाती है. किसी भी प्रकार की ज्वलनशील पदार्थ को ले जाने पर बैन रहता है. राज्य की सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लग जाती है.