BJP Washing Machine: पीएम मोदी की पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने पर विपक्ष के नेताओं के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले चुटकियों में खत्म हो गए. ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट ने इसका खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 के बाद से बीजेपी में विपक्ष के 25 ऐसे नेता शामिल हुए, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही थीं. लेकिन बीजेपी में शामिल होते ही 23 नेताओं को चमत्कारिक रूप से केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई से राहत मिल गई. उनके खिलाफ चल रही जांच या तो बंद हो गई या फिर ठंडे बस्ते में चली गई.
इनमें 10 कांग्रेस से, एनसीपी और शिवसेना से 4-4, टीएमसी से 3, टीडीपी से 2 और समाजवादी पार्टी और वाईएसआरसीपी से 1-1 नेता शामिल हैं. इस सूची में शामिल 6 नेता तो ऐसे हैं, जिन्होंने अभी हाल ही में (लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले) बीजेपी का दामन थामा है.
महाराष्ट्र में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने की सबसे ज्यादा कार्रवाई
साल 2022-23 के बीच में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में हुई. महाराष्ट्र के कुल 12 प्रमुख राजनेता 25 की उस लिस्ट में शामिल हैं, जिनमें से 11 तो 2022 के बाद बीजेपी में गए हैं. इनमें कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना से 4-4 नेता शामिल हैं.
इसमें सबसे बड़ा नाम है महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार का. बता दें कि 2023 में अजित पवार गुट एनसीपी से अलग हो गया और एनडीए गठबंधन में शामिल हो गया. बीजेपी से जुड़ने के बाद एनसीपी गुट के दो शीर्ष नेताओं अजीत पवार और प्रफुल्ल पटेल पर चल रहे मामले बंद कर दिए गए. अजीत पवार पर 70 हजार करोड़ रुपए की सिंचाई घोटाले का आरोप था.
इसमें दूसरा बड़ा नाम है सुवेंद अधिकारी का. सीबीआई 2019 से नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से मंजूरी का इंतजार कर रही है. लेकिन सुवेंदु 2020 में टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए और अब ये मामला ठंडे बस्ते में है.
तीसरा बड़ा नाम असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा का है. साल 2014 में सारदा चिटफंड घोटाले में हिमंत बिस्वा सीबीआई की पूछताछ और छापेमारी का सामना कर रहे थे, लेकिन 2015 में बीजेपी में शामिल होते ही उनके खिलाफ चल रहा ये मामला खत्म हो गया.
केवल 2 नेताओं को नहीं मिली राहत
मालूम हो कि 25 नेताओं में से केवल दो नेता हैं, जिनके बीजेपी में शामिल होने के बाद भी केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से हो रही कार्रवाई में कोई ढील नहीं दी गई. इनमें पूर्व कांग्रेस सांसद ज्योति मिर्धा और पूर्व टीडीपी सांसद वाईएस चौधरी शामिल हैं. ये दोनों राजनेता अभी बीजेपी का हिस्सा हैं. पूर्व कांग्रेस सांसद ज्योति मिर्धा को बीजेपी ने राजस्थान में नागौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है.
बीजेपी में शामिल हुए 25 नेताओं के नाम
- अजीत पवार
- प्रफुल्ल पटेल
- प्रताप सरनाइक
- हिमंत बिस्वा सरमा
- हसन मुश्रीफ
- भावना गवली
- यामिनी जाधव
- यशवन्त जाधव
- चिंताकुंटा मुनुस्वामी रमेश
- रणइंदर सिंह
- सुवेंद अधिकारी
- संजय सेठ
- कोठापल्ली गीता
- सोवन चटर्जी
- छगन भुजबल
- कृपाशंकर सिंह
- दिगंबर कामत
- अशोक चव्हाण
- नवीन जिन्दल
- तापस रॉय
- अर्चना पाटिल
- गीता कोड़ा
- बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी
- ज्योति मिर्धा
- वाईएस सुजाना चौधरी
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