Lok Sabha Election News: 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के घोषणा पत्र का टाइटल है- भाजपा का संकल्प, मोदी की गारंटी. लेकिन बीजेपी के इस घोषणा पत्र पर देश कैसे यकीन करेगा, जब मोदी सरकार अपने किये वादे को बाद में जुमला बता देती है. मोदी सरकार ने दस साल का अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है लेकिन इन दस सालों में बहुत ऐसे वादें हैं जो अधूरे हैं.
साल 2019 लोकसभा चुनाव की बात करे तो. इस चुनाव में BJP ने ‘संकल्प पत्र’ नाम से 50 पेज का घोषणापत्र जारी किया था. इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, जनकल्याण, अर्थव्यवस्था, महिलाओं के सशक्तीकरण, चिकित्सा, सुरक्षा और कृषि जैसे मुद्दों से जुड़े 85 प्रमुख वादे किए गए थे. लेकिन जब इन वादों को पूरा करने की बात आई तो मोदी सरकार ने मुंह फेर लिया है.
आइए आपको बताते हैं, मोदी सरकार के उन वादों के बारे में, जिनको लेकर पिछले चुनाव में बीजेपी ने जमकर ढिंढोरा पीटा था लेकिन इन्हें पूरा नहीं किया जा सका.
मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की गारंटी ली थी. बीजेपी ने तो भ्रष्टाचार को ही अपना टैग लाइन बनाया था कि बहुत हुआ भ्रष्टाचार, अबकी बार मोदी सरकार। लेकिन जब भ्रष्टाचार मुक्त भारत करने की बात आई तो मोदी सरकार फुस्स हो गई. इतना ही नहीं, मोदी सरकार में भ्रष्टाचार और बढ़ता ही चला गया. भ्रष्टाचार की स्थिति का मूल्यांकन करने वाली संस्था ‘ट्रान्सपेरेंसी इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में भारत 39 अंकों के साथ 180 देशों में से 93वें स्थान पर है, जबकि 2019 में भारत 80वें स्थान पर था. यानी भारत 13 स्थान और पीछे लुढ़क गया.
भारत के आर्थिक भड़ोगे
वादा था कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों को भारत वापस लाकर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. लेकिन विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी जैसे भगोड़े आज भी भारत से बाहर मौज काट रहे हैं. 1 अगस्त 2023 को खुद केंद्र सरकार ने बताया था कि 2018 से अब तक विजय माल्या, नीरव मोदी समेत 10 लोगों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है. इन्होंने 40,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला किया है. लेकिन मोदी सरकार इन भागे हुए 10 लोगों को वापस देश लाने में नाकाम रही है.
गंगा को स्वच्छ बनाने का था वादा
बीजेपी ने वादा किया था कि गंगा को स्वच्छ बनाया जाएगा. पीएम मोदी जब 2014 में बनारस चुनाव लड़ने गए तो उन्होंने कहा कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है. सरकार बनी तो गंगा सफाई का अभियान देश भर में चलाया जाएगा. इसके लिए ‘नमामि गंगे योजना’ की शुरुआत हुई लेकिन इस योजना के लिए जारी हुए 20,000 करोड़ रुपए का सिर्फ 27% ही खर्च हो पाया. ऐसे में गंगा कितनी स्वच्छ हुई, यह बात देश से छुपी नहीं है.
हर साल 2 करोड़ नौकरी का था वादा
मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था. लेकिन देश के युवाओं की हालत ऐसी हो गई है कि IIT जैसे संस्थान के छात्रों को प्लेसमेंट नहीं मिल रहा है. 2014 के बाद मोदी सरकार में बेरोजगारी दर तीन गुना हो गई है. हाल ही में आये CSDS सर्वे के मुताबिक, 62 फीसदी लोगों ने माना है कि बीते 5 साल नौकरी मिलना बहुत मुश्किल हो गया है.
महंगाई कम करने का था वादा
बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में ही वादा किया था कि महंगाई को कम किया जाएगा. लेकिन PM मोदी के पहले कार्यकाल में कीमतें 24 प्रतिशत बढ़ीं। वहीं दूसरे कार्यकाल में 32 प्रतिशत कीमतें बढ़ गईं. PM मोदी के दस साल के कुल कार्यकाल में 64 प्रतिशत कीमतें बढ़ीं. यही वजह है कि आज देश बेरोजगारी के साथ साथ महंगाई से त्रस्त है.
किसानों की आय दोगुना करना का था वादा
पीएम मोदी ने वादा किया था कि मार्च 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. यह डेडलाइन तो दो साल पहले ही खत्म हो गया है लेकिन किसानों की आय दोगुनी होना आज भी सपना है. देश के किसानों की हालत इस कदर ख़राब है कि वे आत्महत्या करने को मजबूर हैं. NCRB की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में खेती किसानी से जुड़े लोगों की आत्महत्या के मामले बढ़े हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल देश भर से लगभग 11,290 आत्महत्या के ऐसे मामले सामने आए हैं. वहीं, 2022 के आंकड़े बताते हैं कि देश में हर घंटे कम से कम एक किसान ने आत्महत्या की है.
मोदी सरकार के इन वादों का हाल देखने के बाद आपको भी समझ आ गया होगा कि इस बार जनता मोदी की गारंटी पर कितना भरोसा कर पाएगी .
Also Read: इन घोटालों के बावजूद भी PM मोदी क्यों कर रहे इलेक्टोरल बॉन्ड की तारीफ, देखें कैसे खुली पोल