Electoral Bonds

Electoral Bonds

Share this news :

जिस लिस्ट का इस देश को बेसब्री से इन्तजार था, वो लिस्ट आ चुकी है. लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) से जुड़े आँकड़ों को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक दिया है. चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई 763 की दो लिस्ट में से एक पर बॉन्ड ख़रीदने वालों की जानकारी है तो दूसरे में राजनीतिक दलों को मिले बॉन्ड का ब्यौरा है.

SBI ने नहीं किया कोड शेयर

उम्मीद की जा रही थी कि इलेक्टोरल बॉन्ड के आँकड़े सार्वजनिक होते ही यह पता चल जाएगा कि किस राजनीतिक पार्टी को किससे कितनी रक़म चंदे के रूप में मिली है. लेकिन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने यूनिक अल्फान्यूमरिक कोड शेयर नहीं किया है, जो प्रत्येक इलेक्टोरल बॉन्ड पर प्रिंट रहता है. इसी कोड से डोनर्स का राजनीतिक पार्टियों से मिलान करने में मदद मिलती है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यही कोड बताने के लिए कहा है.

SC ने SBI को लगाया है फटकार

इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किया है. अदालत ने बैंक से पूछा है कि बॉन्ड नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया. बैंक ने अल्फा न्यूमिरिक नंबर क्यों नहीं बताया. अदालत ने एसबीआई को बॉन्ड नंबर का खुलासा करने का आदेश दिया है. अदालत का आदेश है कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है. अदालत ने कहा कि बॉन्ड खरीदने और भुनाने की तारीख बतानी चाहिए थी.

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बॉन्ड नंबरों से पता चल सकेगा कि किस दानदाता ने किस पार्टी को चंदा दिया. अब मामले में अगली सुनवाई सोमवार को यानी कि 18 मार्च को होगी. पहले इस मामले पर आज ही सुनवाई होनी थी और इसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की जानी थी. लेकिन अब सोमवार को मामले पर सुनवाई होगी.

इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम मोदी सरकार ने की थी शुरू

एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा दिया है, उसके मुताबिक़ एक अप्रैल 2019 से लेकर 15 फ़रवरी 2024 के बीच 12,156 करोड़ रुपये का राजनीतिक चंदा दिया गया. इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2018 में नरेंद्र मोदी सरकार ने शुरू की थी और कहा गया था इससे राजनीतिक फंडिंग को लेकर पारदर्शिता आएगी. लेकिन सिर्फ़ बॉन्ड ख़रीदने वाले और राजनीतिक दलों को मिली रक़म के ब्यौरे से ये साफ़ नहीं हो पा रहा है कि किसने किसको पैसा दिया. इससे ये भी पता नहीं चल पा रहा है कि किसी ख़ास पार्टी को फंड किए जाने के पीछे किसी डोनर का क्या मक़सद है.

Also Read: ‘बीजेपी मुझसे नफ़रत करते-करते पाकिस्तानियों के साथ खड़ी हो गई’, पाकिस्तानी शरणार्थियों के प्रदर्शन पर बोले केजरीवाल

Also Read: “PM मोदी नहीं चाहते कि गरीबों को इस देश में भागीदारी मिले”, महाराष्ट्र में बोले राहुल गांधी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *