भाजपा के वरिष्ठ नेता और एक जमाने में पार्टी के पोस्टर बॉय रहे लालकृष्ण आडवाणी को 96 साल की उम्र में भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बाद भाजपा के वे दूसरे नेता हैं, जिन्हें देश का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान दिया जाएगा.
मोदी ने सोशल मीडिया पर आडवाणी के साथ अपनी 2 तस्वीरें शेयर कीं और बधाई दी. उन्होंने लिखा- मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। इससे पहले केंद्र सरकार ने प्रमुख गांधीवादी समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की थी.
क्या होता है भारत रत्न पुरस्कार ?
यह देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह अवॉर्ड किसी भी सेक्टर में असाधारण और सर्वोच्च सेवा देने वाले शख्स को दिया जाता है. यह पुरस्कार जाति, व्यवसाय, स्थिति या जेंडर की परवाह किए बिना उल्लेखनीय कार्य के लिए दिया जाता है. इस पुरस्कार की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 में देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी. ये सम्मान जीवित और मरणोपरांत दोनों तरह के लोगों को प्रदान किया जाता है.
आडवाणी को किया जा रहा था दरकिनार
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई बार पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को दरकिनार करने का आरोप लग चुका है. बीजेपी के पोस्टरों से भी आडवाणी की तस्वीरें गायब हो चुकी हैं. अभी हाल ही में 22 जनवरी (सोमवार) को राम मंदिर के उद्घाटन में लाल कृष्ण आडवाणी अयोध्या में नजर नहीं आये. जिसको लेकर भी बीजेपी को आलोचना झेलनी पड़ी. प्राण प्रतिष्ठा में निमंत्रण देने के दौरान ही लालकृष्ण आडवाणी को अयोध्या नहीं आने की नसीहत दी गई थी. इससे पहले भी कई बार आडवाणी को सार्वजनिक मंचों पर नजरअंदाज किया जा चुका है. जिसको लेकर पीएम मोदी भी निशाने पर आ चुके हैं.
डैमेज कंट्रोल कर रहे पीएम मोदी
अब जब लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई है तो लोग इसपर भी सवाल उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि बीजेपी डैमेज कंट्रोल कर आडवाणी के नाम पर चुनावी लाभ लेने की कोशिश कर रही है. बीजेपी को खुद इस बात का अंदाजा है कि पार्टी के पुराने कार्यकर्ता और नेता आडवाणी के साथ हुए सलूक से नाराज हैं.