Terrorist Attacks in Modi 3.0: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल को अभी 1 महीने ही हुए हैं. लेकिन इस बीच देश में 7 आतंकी हमले हो चुके हैं और 9 नागरिकों का जान जा चुकी है. वहीं 12 जवान शहीद हो गए हैं. लेकिन मोदी सरकार ने अभी तक आतंकवाद को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. आतंकवाद के मुद्दे पर पीएम मोदी ने ठीक वैसे ही चुप्पी साध ली है, जैसे मणिपुर के मुद्दे पर साधी थी.
9 जून को हुआ पहला आतंकी हमला
देश में पहला आतंकी हमला 9 जून को हुआ, जब आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में शिवखोड़ी से आ रही बस पर हमला कर दिया. आतंकियों ने बस पर 40 से 50 राउंड फायरिंग कर दी, जिससे बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी. इस हमले में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. वहीं 42 यात्री घायल हुए थे.
दो दिन बाद दो और हमले
इसके बाद 11 जून को दो और आतंकी हमले हुए. जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में सेना 5 जवान और एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (एसपीओ) घायल हो गए. वहीं उसी शाम अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट हीरानगर के सैदा सोहल गांव पर आतंकवादियों के हमले (Terrorist Attack) में एक नागरिक घायल हो गया, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी के मार गिराया.
डोडा में मुठभेड़
इन हमलों को ठीक अगले दिन यानी 12 जून को देर रात आतंकवादियों ने डोडा पर भी हमला कर दिया. आतंकियों ने डोडा जिले में सेना के अस्थाई ऑपरेटिंग बेस पर गोलीबारी की, जिसके बाद शुरु हुई मुठभेड़ में सेना के 6 जवान घायल हो गए.
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में 6 जुलाई को आतंकियों से मुठभेड़ में 2 जवान शहीद हो गए. मदरघम और चिन्निगम फ्रिसल में 6 आतंकी मारे गए थे.
इसके अगले दिन यानी 7 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के मंजाकोट इलाके में आतंकियों ने एक आर्मी कैंप पर हमला कर दिया, जिसमें एक जवान घायल हो गया.
5 जवानों की शहादत
आतंकियों का कहर यहीं नहीं रुका, इसके बाद 8 जुलाई को भी आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में हमला कर दिया. इस हमले में एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर समेत 5 जवान शहीद हो गए. हमले में 5 जवान घायल भी हुए हैं. घायल जवानों को कठुआ के बिलावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से देर रात पठानकोट मिलिट्री हॉस्पिटल रेफर किया गया है
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