UP RO_ARO Paper Leak Case

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UP RO/ARO Paper Leak Case: मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET में हुई धांधली और पेपर लीक पर मचा सियासी वबाल अभी थमा नहीं कि यूपी में 11 फरवरी को हुई आरओ और एआरओ परीक्षा के पेपर लीक की योजना कैसे बनाई गई थी, इसे लेकर अब बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. इस परीक्षा में 10 लाख से ज्यादा छात्रों ने भाग लिया था.जब आरओ और एआरओ परीक्षा के पेपर लीक हो जाने की बात कही जाने लगी तो प्रशासन की ओर इसका खंडन किया गया था.

हालांकि, जांच में सामने आया कि, परीक्षा का पेपर प्रयागराज के बिशप जॉनसन गर्ल्स हाई स्कूल और कॉलेज में लीक हुआ. पेपर लीक इस साजिश में चार इंजीनियर राजीव नयन मिश्रा, सुनील रघुवंशी, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश शामिल थे. सूत्रों के अनुसार, स्कूल में दूसरा पेपर लीक परीक्षा से कुछ घंटे पहले हुआ. परीक्षा हॉल में देखरेख कर रहे अर्पित विनीत यशवंत ने परीक्षा की सुबह 6.30 बजे प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींच लीं. इस मामले में अर्पित समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

इन लोगों ने रची थी पेपर लीक की साजिश


पहला पेपर लीक, भोपाल के प्रिंटिंग प्रेस में हुआ, जहां परीक्षा का पेपर छपा था. यूपी पुलिस परीक्षा के पेपर लीक के मास्टरमाइंड में से एक राजीव नयन मिश्रा ने प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी, विशाल दुबे और सुभाष प्रकाश के साथ मिलकर इसकी साजिश रची थी. इन सभी के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है.राजीव नयन मिश्रा की मुलाकात विशाल दुबे के जरिए सुनील रघुवंशी से हुई.

ऐसे मिला परीक्षा का प्रश्नपत्र

जब आरओ/एआरओ प्रश्नपत्र प्रिंटिंग प्रेस में आया, तो सुनील ने दूसरों को इसकी जानकारी दी. उसने पेपर देने के लिए 10 लाख रुपये मांगे,लेकिन उसकी एक शर्त थी-उम्मीदवारों को उसके सामने पेपर पढ़ना होगा ताकि यह वायरल न हो.राजीव मिश्रा, सुनील रघुवंशी और एक अन्य साथी सुभाष प्रकाश ने उसकी शर्त मान ली.

इसके बाद विशाल दुबे ने सुनील को बताया था कि आरओ/एआरओ पेपर की पहचान करने के लिए उसे 140 और 40 प्रश्नों वाले पेपर के दो सेट देखने होंगे. उसने बताया कि प्रश्नपत्र में यूपी के प्रश्न भी होंगे. सुनील रघुवंशी मौके की तलाश में रहता था. 3 फरवरी को सुनील मशीन की मरम्मत के लिए प्रिंटिंग प्रेस में मौजूद था .प्रेस में प्रश्नपत्र उसे मिल गया.

जांच अधिकारी ने क्या कहा

इसके बाद उसने पेपर घर ले जाकर बाकी लोगों को बताया. फिर सभी ने तय किया कि परीक्षा से तीन दिन पहले 8 फरवरी को अभ्यर्थियों को कोमल होटल में ले जाया जाएगा और 12-12 लाख रुपये में पेपर दिखाया जाएगा. वहीं मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी अमित श्रीवास्तव ने कहा कि, वे सभी इंजीनियर थे, वे होशियार और तकनीकी रूप से बहुत सक्षम थे. उन्होंने पेपर लीक की योजना बहुत सावधानी से बनाई थी.

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