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5 Big Decisions of Ratan Tata: टाटा ग्रुप के चेयरमैन और मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया. 9 अक्टूबर की रात साढ़े 11 बजे मुंबई के ब्रीज कैंडी अस्पताल में रतन टाटा ने आखिरी सांस ली. रतन टाटा ने अपनी जिंदगी समाज के उद्धार के लिए समर्पित कर दी. उनके निधन पर पूरे देश में शोक मनाया गया. रतन टाटा के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर राजकीय सम्मान के साथ नरीमन पॉइंट स्थित एनसीपीए हॉल ले जाया गया. जहां रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी, गृह मंत्री अमित शाह समेत देश की कई बड़ी हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
21 साल तक टाटा ग्रुप को संभाला (Ratan Tata)
रतन टाटा ने 21 साल तक टाटा समूह का नेतृत्व किया. जेआरडी टाटा ने उन्हें साल 1991 में टाटा इंडस्ट्रीज का प्रमुख बना दिया था. रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने देश ही नहीं बल्कि विदेश में अपनी पहचान बनाई. अपने करियर में रतन टाटा ने कई ऐसे फैसले लिए जिन्होंने भारत के गौरव को बढ़ाने का काम किया. आज हम आपको ऐसे ही कुछ फैसलों के बारे में बताते हैं.
Ratan Tata के 5 बड़े फैसले
- उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) के नेतृत्व में टाटा कंसल्टेसी सर्विसेज ने साल 2002 में जीई मेडिकल सिस्टम के साथ 10 करोड़ डॉलर का अनुबंध साइन किया. ये पहली बार था कि जब भारत की किसी आईटी कंपनी ने इतना बड़ा अनुबंध साइन किया था. आज के वक्त में टीसीएस का मार्केट कैप 15 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है.
- रतन टाटा ने भारत की पहली स्वदेशी कार को लॉन्च किया. टाटा इंडिका नाम की इस भारतीय कार का पूरा डिजाइन भारत में हुआ था. इसे बनाने का काम भी भारत में ही हुआ था.
- साल 2000 में रतन टाटा ने टाटा ग्रुप से दोगुने बड़े ब्रिटिश समूह टेटली का अधिग्रहण किया. इसके बाद साल 2007 में उन्होंने यूरोप की स्टील कंपनी का कोरस का अधिग्रहण कर लिया. पहली बार किसी भारतीय कंपनी ने इतनी बड़ी विदेशी कंपनी का अधिग्रहण किया था.
- साल 2009 में रतन टाटा की कंपनी ने आम आदमी की जरूरत को देखते हुए नैनो कार लॉन्च की. यह दुनिया की सबसे सस्ती कार थी, जिसपर हर भारतीय सफर कर सकता था.
- टाटा ग्रुप ने साल 2022 में कर्ज में डूबी एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली. सात दशक के बाद एयर इंडिया की टाटा ग्रुप में वापसी हुई थी. एयर इंडिया को उस वक्त रतन टाटा (Ratan Tata) ने अपनाया जब वो बहुत बड़े लॉस में थी.
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