Agniveer Scheme

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Agniveer Scheme: संसद में अग्निवीर योजना पर हुए चर्चा के बाद देश भर में माहौल गरमाया हुआ है. सरकार इस मामले में बैकफुट पर नजर आ रही है. बीते सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना का मुद्दा ज़ोर-शोर से उठाया था.

राहुल गांधी के बयान का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ग़गलत बयानबाजी कर सदन को गुमराह कर रहे हैं. जिसके जवाब में र अग्निवीर के परिजनों से बात पर राहुल गांधी ने सब कुछ साफ कर दिया. सरकार की किरकिरी होते देख इस मामले में सेना ने भी एंट्री कर दी.

राहुल गांधी ने सदन में खोली मोदी सरकार की पोल

सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार के लिए अग्निवीर यूज एंड थ्रो मजदूर है. सत्ता में आने के बाद इंडिया गठबंधन अग्निवीर योजना को खत्म कर देगी. कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि मोदी सरकार अग्निवीरों को न पेंशन देती है, न मुआवजा और न ही शहीद का दर्जा देती है.

सरकार फंसती है तो सेना के पीछे छुप जाती है

हालांकि, सरकार के दावे राहुल गांधी से उलट हैं. ऐसे में गुरुवार (4 जुलाई ) को एक बार फिर कांग्रेस ने इस मुद्दे को उठाया. कांग्रेस के एक्स सर्विस मैन विभाग के चेयरमैन रोहित चौधरी ने कहा कि जब–जब मोदी सरकार फंसती है तो हिंदुस्तान की सेना के पीछे छुप जाती है. संसद में रक्षा मंत्री ने देश के सामने आधी-अधूरी जानकारी रखी, जिससे एक संशय का माहौल बन गया. उन्होंने आगे कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार लगातार गुमराह कर रही है.

रोहित चौधरी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुख्य विपक्ष के नाते हमारी जिम्मेदारी बनती है कि सेना और अग्निवीरों के साथ जो भेदभाव हो रहा है, उन मुद्दों को उठाएं. राहुल गांधी का कहना है कि देश के सैनिकों, सेना और शहीदों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. ये सिर्फ शहीद अग्निवीर अजय सिंह का नहीं बल्कि शहीद हुए 13 अग्निवीरों, सेना में सेवारत अग्निवीरों, ट्रेनिंग ले रहे अग्निवीरों और देश की सुरक्षा का मामला है.

अग्निवीर योजना तुरंत खत्म होनी चाहिए- कांग्रेस

कांग्रेस नेता ने एक बार फिर राहुल गांधी की बात दोहराते हुए कहा कि अग्निवीर योजना तुरंत खत्म होनी चाहिए, क्योंकि इस योजना को लेकर सेना से कोई बातचीत नहीं की गई थी. यदि किसी भी अग्निवीर से पूछा जाए कि क्या उसे स्थायी भर्ती चाहिए तो वह इस बात से इंकार नहीं करेगा. ऐसे में सरकार इसपर श्वेत पत्र जारी करे.

राजनाथ सिंह बताएं- किन 158 एजेंसियों से बात की

इसके साथ ही रोहित चौधरी ने पूछा कि राजनाथ सिंह को भी स्पष्टीकरण देना चाहिए कि अग्रिपथ योजना लाने से पहले उन्होंने सेना से सलाह लेने के बजाए किन 158 एजेंसियों से बात की.पहले लगभग 35 लाख लोग सेनाओं में आते थे, लेकिन अब केवल 10 लाख लोग आते हैं. सरकार सैनिकों के साथ राजनीति बंद करे.

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