Table of Contents
Congress On Mangesh Yadav Encounter: कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड सुप्रिया श्रीनेत ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में डकैती के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल क्या खड़े हुए, कुछ लोग विचलित हो गये. लेकिन सच अगर कड़वा है तो क्या नकार दें?
सुप्रिया श्रीनेत ने आगे मंगेश यादव के एनकाउंटर (Mangesh Yadav Encounter) की पूरी घटना बताते हुए कहा कि 28 अगस्त को दिनहदाड़े सुल्तानपुर शहर में मशहूर सर्राफ भरत जी ज्वैलर्स के यहां करीब डेढ करोड़ रूपये की लूट हुई. पुलिस के मुताबिक, इस लूट में कुल 11 बदमाश शामिल थे. इस लूट का मुख्य आरोपी विपिन सिंह नाम का अपराधी है. विपिन सिंह पर गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश के आठ जिलों में लूट, डकैती, चोरी, हत्या का प्रयास के 36 मुकदमे दर्ज हैं.
श्रीनेत ने कहा कि मुख्य आरोपी विपिन सिंह ने नाटकीय तरीके से पुलिस को चकमा देते हुए 04 सितंबर को कोर्ट में सरेंडर कर दिया. जबकि लूट के 4 दिन बाद 02 सितंबर को पुलिस मंगेश यादव के जौनपुर स्थित उसके घर पहुंचती है. आधे कपड़ो में लेटे मंगेश को पुलिस रात में करीब 2 बजे अपने साथ लेकर जाती है. इसके तीन दिन बाद 5 सितंबर को सुबह मंगेश को तथाकथित एनकाउंटर में मार देती है.
STF के दावे का सच क्या? (Mangesh Yadav Encounter)
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि STF दावा करती है कि मंगेश के पास से 32 बोर की पिस्टल, 315 बोर का तमंचा, बाइक और लूटे गए जेवर बरामद किए हैं. जबकि जेवर बरामद नहीं होते. इसके अलावा पुलिस जब मंगेश को अपने साथ ले गई थी, तब वो निहत्था गया था, उसके पास कुछ नहीं था. इस घटना में शामिल 11 अपराधियों में से सिर्फ एक मंगेश यादव को एनकाउंटर में मारा जाता है. जबकि घटना में 3 सितंबर को सचिन सिंह, गोविंद सिंह और त्रिभुवन को मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तार किया जा जाता है. किसी की जान नहीं ली गई.
उन्होंने पुलिस के इरादे पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पुलिस (Mangesh Yadav Encounter) का इरादा मंगेश को जिंदा गिरफ्तार करने का होता तो पुलिस सिर्फ एक गोली मारकर पकड़ सकती थी, जैसा इस मामले के तीन और अपराधियों के साथ किया गया है. मगर STF ने मंगेश को चार गोलियां मारी वो भी पैर से ऊपर वाले भाग में.
एनकाउंटर को अंजाम देने वाले CO का बीजेपी कनेक्शन
श्रीनेत ने इस एनकाउंटर को अंजाम देने वाले यूपी एसटीएफ के सीओ धर्मेश कुमार शाही को लेकर कहा कि इस एनकाउंटर (Mangesh Yadav Encounter) को चप्पल पहनकर अंजाम देने वाले यूपी STF के CO धर्मेश कुमार शाही हैं. जो सबइंस्पेक्टर से CO बने हैं. अभी साल 2019 में वह डिप्टी SP की रैंक पर प्रमोट हुए थे. शाही ने अभी तक 50 से अधिक एनकाउंटर किए हैं. मंगेश के पहले भी इनके कई एनकाउंटर पर सवाल खड़े हुए हैं.
उन्होंने कहा कि ये वही डीके शाही हैं, जिनकी पत्नी ऋतु शाही BJP की नेता हैं. ऋतु शाही को हाल में ही उत्तर प्रदेश महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है. साथ ही साथ ऋतु शाही गोरखपुर क्षेत्र में BJP महिला मोर्चा की क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष भी हैं. मंगेश एनकाउंटर की जांच भी डीके शाही के सजातीय अधिकारी SDM विदुषी सिंह को दी गई है.
कौन देगा इन सवालों के जवाब?
सुप्रिया ने सवाल उठाते हुए कहा कि जो लोग अपराधी की जाति पर उठ रहे सवालों से विचलित हैं, क्या अब उनके पास है कोई जवाब? अब आक्रोश नहीं मचाओगे? अब अन्याय नहीं दिखेगा? अब ज्ञान नहीं देंगे? असलियत है कि लगभग सारे न्यूज़रूम में दलितों आदिवासियों और पिछड़ों का कोई प्रतिनिधित्व ही नहीं है. इक्का दुक्का कैमरा वाला होगा शायद – जो ना शो की हैडलाइन निर्धारित करता है, ना अख़बार की सुर्ख़ी – और ना बनावटी आक्रोश. आईना दिखाने पर बुरा लगना स्वभाविक है, लेकिन सच से कैसे मुँह मोड़ा जाये.
Also Read-
Manipur Violence: मणिपुर में PM मोदी की विफलता माफी के लायक नहीं, खरगे ने सरकार को घेरा
मोदी राज में 6.7 मिलियन बच्चों को पूरे दिन नहीं मिलता भोजन, रिपोर्ट में हुआ खुलासा