Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग में भगदड़ की घटना में 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई. इस सत्संग का आयोजन भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि ने किया था. बाबा का सत्संग सुनने करीब 1 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे थे. सत्संग खत्म होने के बाद जल्दी बाहर निकलने की होड़ में भगदड़ मच गई, जिसकी वजह से इतना भयावह हादसा हो गया.
बाबा से मिलने के चक्कर में हुआ हादसा
हादसे (Hathras Stampede) के दौरान जो लोग वहां मौजूद थे, उन लोगों ने बताया कि जब सत्संग खत्म हुआ तो महिलाएं बाबा से मिलने के लिए उनकी गाड़ी के पीछे दौड़ पड़ीं, जिससे भगदड़ मच गई. भीड़ ज्यादा थी और गर्मी भी थी. ऐसे में लोग जल्दी निकलने के चक्कर में भी लोग भागने लगे. घटना स्थल पर मिट्टी भी गीली थी और कीचड़ था, जिसकी वजह से कई लोग फिसल कर गिर पड़े.
जांच में जुटी पुलिस
हादसे के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है. मामले में एफआईआर दर्ज किया जा चुका है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत भोले बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और उस धार्मिक आयोजन के अन्य आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एफआईआर में भोले बाबा का नाम नहीं है. ऐसे में पुलिस पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि हादसे के मुख्य जिम्मेदार भोले बाबा पर एफआईआर क्यों दर्ज नहीं हुआ है.
कौन है भोले बाबा?
भोले बाब उर्फ नारायण साकार हरि का असली नाम सूरज पाल है. वह कासगंज जिले के बहादुर नगर के मूल निवासी हैं. वह यूपी पुलिस की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट में हेड कांस्टेबल थे. सूरज पाल 1990 के दशक के अंत में नौकरी से इस्तीफा दे दिया फिर अपना नाम बदलकर नारायण साकार हरि रख लिया. नारायण हरि खुद को हरि का शिष्य कहते हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनके काफी अनुयायी हैं. बहादुर नगर में आश्रम स्थापित करने के बाद से ही भोले बाबा की प्रसिद्धि बढ़ी और लाखों लोग उनके अनुयायी बन गए.
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