India China Dispute: लद्दाख के मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक बीते 14 से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. वांगचुक ने मंगलवार को कहा कि लद्दाख में चीन ने जमीन कब्जाई है. जिसका सबूत हम जल्द देश को दिखाएंगे. वांगचुक ने ऐलान करते हुए कहा कि लद्दाख से लगभग 10,000 लोग इस महीने चीन की सीमा तक मार्च करेंगे ताकि यह दिखाया जा सके कि हमने अपनी कितनी जमीन पड़ोसी देश को खो दी है.
गौरतलब है कि वांगचुक लद्दाख के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों और अन्य मांगों को लेकर पिछले 14 दिनों से लेह में शून्य से नीचे के तापमान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, वांगचुक के साथ 1500 लोग सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल पर थे. वांगचुक लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं, जो प्रदेश के स्थानीय लोगों को आदिवासी इलाके में एडमिनिस्ट्रेशन का अधिकार देगा.
वांगचुक ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें चरवाहों से पता चलता है कि उन्हें अब उन जगहों पर जाने की अनुमति नहीं है जहां वे पहले हमेशा जाते थे. जिन इलाकों में चरवाहे कुछ साल पहले तक जाते थे, अब उससे कई किलोमीटर पहले उन्हें रोक दिया जाता है. हम वहां जाएंगे और दिखाएंगे कि जमीन गई है या नहीं.
एलएसी के पास तक करेंगे मार्च
उन्होंने बताया कि हमारा मार्च चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर फिंगर एरिया (पैंगोंग त्सो के उत्तरी और दक्षिणी तट), डेमचोक, चुशुल समेत अन्य इलाकों से निकलेगा. हम अपना मार्च जिन दो तारीखों पर निकालेंगे वो 27 मार्च और 7 अप्रैल है.
चारागाह भूमि खो चुके हैं
वांगचुक ने बताया कि यहां के लोग करीब 1,50,000 वर्ग किमी मुख्य चारागाह भूमि खो चुके हैं. उत्तर से चीन अतिक्रमण कर रहा है, चीनियों ने पिछले कुछ वर्षों में भूमि के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है. कुछ लोगों ने बताया कि सीमा विवाद के कारण पूर्वी लद्दाख के कुल 65 पैट्रोलिंग पॉइंट में से कम से कम 26 पॉइंट पर गश्त नहीं की जा रही है.
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