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Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा पर योगी सरकार के फैसले को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है. दरअसल योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा के रूट में पड़ने वाले ढाबे और दुकानों पर दुकान के मालिक का नाम लिखने का आदेश जारी किया है. उत्तर प्रदेश के अलावा हरिद्वार में भी ऐसा हुआ है. हरिद्वार पुलिस प्रशासन ने रेस्तरां मालिकों को कांवड़ यात्रा मार्ग पर नाम प्रदर्शित करने का आदेश जारी किया है. इसे लेकर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने योगी सरकार पर सवाल उठाया है.
क्या बोले कपिल सिब्बल?
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने योगी सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यूपी में सड़क किनारे ठेलों सहित भोजनालयों को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है. क्या विकसित भारत का रास्ता यही है. विभाजनकारी एजेंडे से केवल देश बंटेगा.”
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा संकट में है. वो अपनी सांप्रदायिक राजनीति पर उतर आई है लेकिन वे (भाजपा) भूल चुकें हैं कि देश की जनता ने सांप्रदायिक राजनीति को विफल किया है.”
प्रियंका गांधी ने बताया संविधान पर हमला (Kanwar Yatra 2024)
वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने योगी सरकार के इस फैसले को संविधान पर हमला करार दिया है. प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘हमारा संविधान हर नागरिक को गारंटी देता है कि उसके साथ जाति, धर्म, भाषा या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं होगा. उत्तर प्रदेश में ठेलों, खोमचों और दुकानों पर उनके मालिकों के नाम का बोर्ड लगाने का विभाजनकारी आदेश हमारे संविधान, हमारे लोकतंत्र और हमारी साझी विरासत पर हमला है.’
उन्होंने कहा कि समाज में जाति और धर्म के आधार पर विभाजन पैदा करना संविधान के खिलाफ अपराध है. यह आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए और जिन अधिकारियों ने इसे जारी किया है, उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला? (Kanwar Yatra)
दरअसल, यूपी के मुजफ्फरनगर में पुलिस ने कांवड़ यात्रा के रूट में पड़ने वाले सभी दुकानदारों, ढाबों और रेहड़ी-पटनरी वालों को आदेश दिया है कि वो अपने दुकान के आगे अपने नाम की तख्ती लटका लें. योगी सरकार ने इसके बाद इस फैसले को पूरे राज्यभर में लागू कर दिया है. योगी सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष के साथ एनडीए के सहयोगी नेता भी नाराज हैं.
केसी त्यागी ने जताई नाराजगी (Kanwar Yatra)
एनडीए का हिस्सा जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी इस आदेश को लेकर योगी सरकार की आलोचना की है. केसी त्यागी ने कहा कि इससे बड़ी यात्रा बिहार में निकलती है. वहां इस तरह का कोई आदेश नहीं है. प्रधानमंत्री की जो व्याख्या है- ‘सबका साथ-सबका-विकास- सबका विश्वास’, उसमें ये लगाए गए प्रतिबंध पीएम मोदी के इस व्याख्या के विरुद्ध हैं. इस नियम पर पुनर्विचार हो तो अच्छा है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम एनडीए को खुशहाल और मजबूत होते देखना चाहते हैं. पीएम मोदी की कीर्ति कम ना हो, यह चाहते हैं. इसलिए चाहते हैं कि यह नियम वापस हो. इस नियम पर समीक्षा होनी चाहिए.
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