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RSS News: 22 जुलाई को पर साल देश में राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाया जाता है. आज ही के दिन भारतीय संविधान सभा ने 1947 को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया था. पिंगली वेंकैया ने तिरंगे का डिजाइन तैयार किया था. लेकिन क्या आप जानते है कि RSS (RSS News) ने तिरंगे का विरोध किया था. वहीं, तिरंगे का विरोध करने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारी भी हिस्सा ले सकेंगे. केंद्र सरकार ने 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा लिया है.
इंदिरा गांधी ने लगाया था प्रतिबंध
दरअसल, 7 नवंबर 1966 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आरएसएस (RSS News) के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था. आरएसएस पर यह प्रतिबंध दिल्ली में गोरक्षा आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के बाद आया था, जिसमें कई साधु-संत और गोभक्त मारे गए थे. इस हिंसा के बाद सरकार ने फैसला किया कि सरकारी कर्मचारी आरएसएस के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले सकते.
कर्मचारियों को विभाजित कर रही भाजपा
इसी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नाराजगी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “1947 में आज ही के दिन भारत ने अपना राष्ट्रीय ध्वज अपनाया था. RSS (RSS News) ने तिरंगे का विरोध किया था और सरदार पटेल ने उन्हें इसके खिलाफ चेतावनी दी थी. 4 फरवरी 1948 को गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था. मोदी जी ने 58 साल बाद, सरकारी कर्मचारियों पर RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर 1966 में लगा प्रतिबंध हटा दिया है.”
उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि पिछले 10 वर्षों में भाजपा ने सभी संवैधानिक और स्वायत्त संस्थानों पर संस्थागत रूप से कब्ज़ा करने के लिए RSS का उपयोग किया है. मोदी जी सरकारी कर्मचारियों पर RSS (RSS News) की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटा कर सरकारी दफ़्तरों के कर्मचारियों को विचारधारा के आधार पर विभाजित करना चाहते हैं. यह सरकारी दफ़्तरों में लोक सेवकों के निष्पक्षता और संविधान के सर्वोच्चता के भाव के लिए चुनौती होगा.”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “सरकार संभवतः ऐसे कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि जनता ने उसके संविधान में फेर-बदल करने की कुत्सित मंशा को चुनाव में परास्त कर दिया. चुनाव जीत कर संविधान नहीं बदल पा रहे तो अब पिछले दरवाजे सरकारी दफ्तरों पर RSS का कब्ज़ा कर संविधान से छेड़छाड़ करेंगे. यह RSS द्वारा सरदार पटेल को दी गई उस माफ़ीनामा व आश्वासन का भी उल्लंघन है जिसमें उन्होंने RSS (RSS News) को संविधान के अनुरूप, बिना किसी राजनीतिक एजेंडे के एक सामाजिक संस्था के रूप में काम करने का वादा किया था. विपक्ष को लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिये आगे भी संघर्ष करते रहना होगा.”
RSS ने कभी तिरंगा नहीं फहराया
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया. इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया.”
उन्होंने आगे कहा, “1966 में, RSS (RSS News) की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था. यह 1966 में बैन लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है. 4 जून 2024 के बाद, स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है. 9 जुलाई 2024 को, 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था. मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है.”
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