Table of Contents
Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है. पिछले कुछ दिनों से माहौल और बिगड़ गया है. स्थिति ऐसी हो गई है कि तीन जिलों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है और इंटरनेट भी सस्पेंड किया गया है. जानकारी के मुताबिक, अभी 5 दिनों के लिए इंटरनेट सस्पेंड किया गया है ताकि लोगों के बीच अफवाह फैलने से रोका जा सके. बता दें कि मणिपुर हिंसा में शामिल दोनों समुदायों के पास अब ऐसे हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल युद्ध में किया जाता है. मणिपुर में अब गांव में ड्रोन से बम गिराए जा रहे हैं. इसे रोकने के लिए सेना को एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात करने पड़े हैं.
बता दें कि राज्य में मंगलवार को राजभवन की ओर कूच करने के दौरान छात्रों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई थी. मणिपुर सरकार ने मंगलवार शाम एक संशोधित आदेश जारी करके कहा कि छात्रों के उग्र आंदोलन के मद्देनजर इंटरनेट सेवा राज्य के 5 जिलों में निलंबित रहेगी.
कॉलेज हुए बंद, इंटरनेट भी सस्पेंड (Manipur Violence)
मणिपुर के उच्च शिक्षा विभाग ने सभी सरकारी और निजी कॉलेजों को 11 और 12 सितंबर को बंद रखने का आदेश दिया है. राज्य में जारी हिंसा की वजह से यह फैसला किया है. इस बीच केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ की दो बटालियनों को मणिपुर भेजा है. इन बटालियनों में कुल 2000 जवान होंगे. बीते हफ्ते मणिपुर के जिरीबाम जिले में एक बार फिर हिंसा भड़क गई, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद से ही राज्य में माहौल बिगड़ा हुआ है.
कब शुरु हुई हिंसा?
मणिपुर में 3 मई 2023 से हिंसा का दौर (Manipur Violence) शुरु हुआ था. आज 16 महीने बाद भी ये थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब हवाई बमबारी, आरपीजी और अत्याधुनिक हथियारों के लिए ड्रोन के इस्तेमाल ने टेंशन और बढ़ा दी है. ताजा हमले के बाद तलाशी में पुलिस को 7.62 मिमी स्नाइपर राइफल, पिस्तौल, इम्प्रोवाइज्ड लॉन्ग रेंज मोटार्र, इम्प्रोवाइज्ड शॉर्ट रेंज मोर्टार, ग्रेनेड, हैंड ग्रेनेड समेत तमाम आधुनिक हथियार मिले हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुकी और मैतेयी, दोनों समुदायों ने अपने लिए सेफ बंकर बना लिए हैं और दोनों के पास भारी मात्रा में हथियार मौजूद हैं. अब जिसे जब मौका मिलता है, वह एक दूसरे पर हमला (Manipur Violence) कर देते हैं और फिर बंकर में छिप जाते हैं. घाटी और पहाड़ी होने के कारण उन्हें रोकना भी मुश्किल है.
Also Read-
भाजपा ने सच का ही एनकाउंटर कर दिया है: अखिलेश यादव
मोदी राज में 6.7 मिलियन बच्चों को पूरे दिन नहीं मिलता भोजन, रिपोर्ट में हुआ खुलासा