One Year of Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा भड़के आज एक साल पूरा हो गया. आज के ही दिन यानी 3 मई 2023 को पिछले साल मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा छिड़ गई थी. हिंसा इतनी भयावह रही कि पूरा देश इससे कांप उठा. सैकड़ों लोगों की जानें गईं और हजारों लोग बेघर हुए. यहां तक कि दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया.
इन घटनाओं के वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे तो मणिपुर की सरकार ने राज्य में इंटरनेट बंद कर दिया. इससे मणिपुर में होने वाली हिंसा की खबरें तो बाहर आनी कम हो गईं, पर हिंसा वैसे का वैसा ही रहा. अभी भी मणिपुर लगातार जल रहा है और आज एक साल बाद भी देश के प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है.
अब तक 220 से अधिक लोग मारे गए
बता दें कि मणिपुर में 35 लाख की आबादी में से आधे से अधिक मैतेई समुदाय के लोग हैं, जो इम्फाल और उसके आस पास के इलाकों में रहते हैं. इनका बड़ा हिस्सा हिंदू है. वहीं, कुकी समुदाय के लोग, जो पहाड़ी जिलों में रहती हैं, मुख्य तौर पर ईसाई हैं. जानकारी के मुताबिक, मणिपुर की हिंसा (One Year of Manipur Violence) में अब तक 220 से अधिक लोग मारे गए हैं, 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं और महिलाओं और बच्चों सहित हजारों लोग अभी भी घृणित परिस्थितियों वाले शिविरों में पड़े हुए हैं.
पीएम ने नहीं तोड़ी चुप्पी
इस एक साल में मणिपुर में लाखों की संख्या में लोग तड़पते रहे, पर एक बार भी पीएम मोदी ने मणिपुर का दौरा नहीं किया. यहां तक कि पीएम ने एक बार भी मणिपुर पर बात तक नहीं किया. पहली बार उन्होंने संसद के मॉनसून सत्र से पहले मणिपुर का जिक्र किया और अब हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कह दिया कि राज्य की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. जबकि असलियत कुछ और ही है.
सरकारी आंकड़ो से पता चलता है कि मई 2023 से अप्रैल 2024 के बीच में पीएम मोदी ने देश के अलग-अलग राज्यों की लगभग 160 यात्राएं की हैं, पर इस बीच एक बार भी मणिपुर नहीं गए. मणिपुर (One Year of Manipur Violence) को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार पीएम मोदी पर निशाना साधते रही है. पार्टी ने कई बार पीएम से जवाब मांगा पर कुछ हासिल नहीं हुआ.
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