Hathras Stampede

हाथरस हादसे की जांच कर रही एसआईटी ने 300 पन्नों की अपनी रिपोर्ट सबमिट कर दी है.

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Hathras Stampede Case: हाथरस भागदड़ मामले में एसआईटी ने शुक्रवार को अपनी जांच रिपोर्ट यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी थी. एसआईटी की 300 पन्नों की रिपोर्ट में सत्संग का आयोजन करने वाली कमेटी के द्वारा अनुमति से ज्यादा लोगों को बुलाने और उसका लिए सही इंतजाम न करने के साथ अनुमति देने के बाद मौके पर अफसरों का मुआयना करने न आने को हादसे का जिम्मेदार बताया गया है. रिपोर्ट के आधार पर अब योगी सरकार ने एसडीएम और सीओ के खिलाफ एक्शन लिया है. सरकार ने कार्रवाई करते हुए एसडीएम और सीओ समेत 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

125 लोगों के लिए गए बयान

हादसे की जांच कर रही एसआईटी में एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी शामिल थीं. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में 125 लोगों के बयान शामिल किए थे. इसमें हाथरस के डीएम आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ के बयान शामिल हैं. इसके अलावा हादसे के दिन ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों, मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए गए हैं.

वकील ने किया था नया दावा

वहीं इस बीच भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने आरोप लगाया है कि भोले बाबा की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर उनके खिलाफ साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया. एपी सिंह ने दावा किया कि सत्संग के दौरान 10-12 लोगों ने भीड़ में जहरीले पदार्थ वाली कैन खोल दी और वहां से भाग निकले. यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी. एपी सिंह ने कहा कि मैं एसआईटी से आग्रह करता हूं कि इस बात की जांच करे कि इस घटना के पीछे कौन लोग हैं. साथ ही उन्होंने घटना के पहले और बाद की सीसीटीवी भी सीज करने की बात कही है. एपी सिंह ने कहा कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या का मामला है.


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