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UPSC : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अभी मनोज सोनी का कार्यकाल समाप्त होने से पांच साल बाकी था. सोनी ने अपने इस्तीफे का कारण व्यक्तिगत बताया है. हालांकि उनका यह निजी कारण लोग पचा नहीं पा रहे हैं. यह खबर सुनने के बाद लोगों के मन में तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं. गौरतलब है कि हाल के दिनों में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) कई वजहों से विवादों में बना हुआ है.
कार्यकाल खत्म होने से 5 साल पहले दिया इस्तीफा
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने त्यागपत्र में सोनी ने कहा कि वह “व्यक्तिगत कारणों” से पद छोड़ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक मनोज सोनी ने अपना इस्तीफा राष्ट्र्रपति को सौंपा है. सोनी ने 16 मई, 2023 को यूपीएससी के अध्यक्ष के रूप में शपथ ली और उनका कार्यकाल 15 मई, 2029 को समाप्त होना था.
UPSC के अध्यक्ष से मुक्त होना चाहते थे सोनी
सूत्रों की माने तो आयोग के UPSC अध्यक्ष का पद संभालने के बावजूद वह इसपर बने रहने को इच्छुक नहीं थे और पदमुक्त होना चाहते थे. हालाँकि, उस समय उनका अनुरोध स्वीकार नहीं किया गया था. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सोनी अब “सामाजिक-धार्मिक गतिविधियों” में अधिक समय देना चाहते हैं.
इस्तीफा के समय पर खड़े हुए सवाल
UPSC का अध्यक्ष पद संभालने से पहले, सोनी ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में तीन कार्यकाल पूरे किये हैं. अप्रैल 2005 से अप्रैल 2008 तक बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय (MSU) में वीसी पद संभालने के बाद वह भारत के सबसे कम उम्र के कुलपति थे. सोनी का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर और उनके परिवार के सदस्य विवादों में हैं.
पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज
एक दिन पहले ही UPSC ने बयान जारी कर कहा था कि पूजा खेडकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. पूजा खेडकर पर सिविल सर्विस चयन के लिए गलत सर्टिफिकेट्स लगाने का आरोप है. आरोपों में घिरने के बाद उनकी ट्रेनिंग रोक दी गई है. वहीं खेडकर की मां भी किसानों को बंदूक की नोक पर धमकाने के आरोपों में घिर गई हैं.
सोशल मीडिया पर फर्जी आईएएस और आईपीएस की पोल खोल रहे यूजर्स
पूजा खेडकर द्वारा सत्ता और विशेषाधिकारों के कथित दुरुपयोग का मामला जब से सामने आया है, सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा हुआ है. सोशल मीडिया यूजर्स UPSC को लेकर तमाम सवाल उठा रहे हैं. इसके साथ ही कुछ पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिसको लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर नजर डाले तो आईएएस और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों द्वारा फर्जी प्रमाण पत्रों के इस्तेमाल के दावों और प्रतिदावों की बाढ़ सी आ गई है.
सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने कुछ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम, तस्वीरें और अन्य विवरण साझा किए हैं, जिनमें दावा किया गया है कि उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) से संबंधित लोगों के लिए उपलब्ध लाभों का दावा करने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया.
PM मोदी के चहेते हैं मनोज
सूत्रों की माने तो सोनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते हैं. यही वजह है कि 2005 में वह वडोदरा की एमएस यूनिवर्सिटी के कुलपति बनाए गए थे. इसके बाद वह डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति बनाए गए. वह दो कार्यकाल यहां कुलपति रहे. बता दें कि UPSC ही सिविल सर्विस समेत देश की प्रतिष्ठित नौकरियों की परीक्षाओं का आयोजन करता है.