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Fact-Check: कर्नाटक के मांड्या में गणेश विसर्जन के दौरान 11 सितंबर को हिंसा और आगजनी देखने को मिली. इस मामले में पुलिस ने 52 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है. लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर पुलिस वैन में रखी एक गणेश जी की मूर्ती की तस्वीर बहुत तेजी से वायरल हुई. इस तस्वीर को शेयर करते हुए भाजपा के नेता ये आरोप लगा रहे थे कि कांग्रेस की सरकार ने गणेश जी की पूजा पर रोक लगा दी और गणेश जी की मूर्ति को गिरफ्तार कर लिया.
पीएम मोदी ने भी फैलाया झूठ
भाजपा नेता और उनके आईटी सेल वाले तो ये खबर फैला ही रहे थे कि कर्नाटक में गणेश जी की मूर्ति को गिरफ्तार किया गया है, उनके साथ पीएम मोदी भी झूठ फैलाने में शामिल हो गए. पीएम मोदी ने 14 सितंबर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, “आज तो हालत ये हो गई है कि कर्नाटक में कांग्रेस के राज में गणपति जी को भी सलाखों के पीछे डाला जा रहा है. गणपति जी को पुलिस के डिब्बे में बंद कर दिया. आज पूरा देश गणेश उत्सव मना रहा है और कांग्रेस विघ्नहर्ता के पूजा में भी विघ्न डाल रही है.”
क्या है सच? (Fact-Check)
वायरल हो रही तस्वीरें बेंगलुरू की हैं, जहां पुलिस की इजाजत के बगैर कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारी अपने साथ गणेश जी की मूर्ति लेकर आए थे. मूर्ती खंडित हो सकती थी, इसलिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से मूर्ति लेकर अपनी वैन में रख लिया. पुलिस ने बाद में पूरे विधि-विधान से गणेश जी का विसर्जन किया. सोशल मीडिया पर ये झूठी अफवाह (Fact-Check) फैलाई जा रही थी कि गणेजी की मूर्ति को गिरफ्तार किया गया है.
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