Arvind kejriwal: दिल्ली शराब घोटाला केस में CM अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है. उन्हें इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी. शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया है.
जमानत के बाद भी रहना होगा जेल में
हालांकि, सीएम अरविंद केजरीवाल अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे क्योंकि वह सीबीआई मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. जेल से बाहर आने के लिए उन्हें इस मामले में भी जमानत लेनी होगी. केजरीवाल को ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है. इस दौरान जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम इस मामले को बड़ी बेंच को सौंप रहे हैं। गिरफ्तारी की नीति क्या है और इसका आधार क्या है? इसके लिए हमने 3 सवाल भी तैयार किए हैं. अगर बड़ी बेंच चाहे तो अंतरिम जमानत में बदलाव कर सकती है.
बती दें कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि हमने जमानत के सवाल की जांच नहीं की है, बल्कि पीएमएलए की धारा 19 के मापदंडों की जांच की है. इन धाराओं की विस्तार से व्याख्या करने की जरूरत है. पीएमएलए की धारा 19 में गिरफ्तारी के नियमों की भी व्याख्या करने की जरूरत है. हमने पीएमएलए की धारा 19 और धारा 45 के बीच अंतर को स्पष्ट किया है. पीएमएलए की धारा 19 अधिकारियों की व्यक्तिपरक राय है और इसकी न्यायिक समीक्षा की जा सकती है. जबकि धारा 45 का इस्तेमाल सिर्फ कोर्ट ही कर सकता है.
अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, झूठे केस लगाकर सच को कब तक क़ैद में रखोगे मोदी जी पूरा देश आपकी तानाशाही को देख रहा है. ED कोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट सब मानते हैं अरविंद केजरीवाल को ED ने झूठा फंसाया गया है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला सत्य की जीत है. तानाशाही मुर्दाबाद.