Loksabha Election 2024

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Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखें नजदीक आ रही है. ऐसे में देश की जनता में मतदान को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे होंगे. जैसे वोट किसे दें, कैसे डिसाइड करें कि कौन सही नेता है और कौन गलत. कौन ऐसा है जो हमारे लिए अच्छा काम करेगा, क्या इस बार नई सरकार लाएं या फिर वापस मोदी सरकार को जीताया जाए. आइए आपके हर एक सवाल का जवाब विस्तार से देते हैं.

वोट किसे दें?

इस सवाल का जवाब आप अपने आस-पास देखिए. क्या पिछले लोकसभा चुनाव में चुनी गई आपकी सरकार ने आपके लिए काम किया है? अब इसमें भी दो बातें ध्यान देने वाली हैं. कई बार आपको लगता है कि आपके लिए काम हो रहा है, पर असल में चालाक नेताओं द्वारा आपको इस झूठे भ्रम में डाला जाता है कि आपके लिए काम हो रहा है. वास्तव में नेता अपनी जेब भरने के लिए काम कर रहे होते हैं. तो नेताओं के इस जाल से बाहर निकलकर आपको सोचने की जरूरत है कि आपके वोट का सही अधिकारी कौन है.

मोदी सरकार को वापस लाना चाहिए या नहीं?

यह सवाल देखने सुनने में बहुच पेचीदा लगता है, पर असलियत में इससे आसान कोई सवाल नहीं है. सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को वोट देकर दोबारा सत्ता देने चाहिए या नहीं, यह जानने के लिए आपको खुद से ये सवाल पूछने होंगे-क्या मोदी सरकार ने अपने किए हुए सारे वादे पूरे किए? केंद्र सरकार ने जो काम किया, उससे आपको कितना लाभ मिला? मोदी सरकार ने सत्ता में आने से पहले कई वादे किए थे-

2 करोड़ नौकरी का वादा

भाजपा सरकार ने वादा किया था कि उनकी सरकार आते ही युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरियां दी जाएंगी . इस वादे को कितना पूरा किया, इसका नतीजा हम सब ने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में हो रहे युवाओं के विरोध प्रदर्शन के रूप में देखा. नौकरी न मिलने से हर रोज हो रहे युवाओं के आत्महत्या के रूप में देखा.

महंगाई कम हुई?

देश में महंगाई कम करने के वादे के साथ मोदी सरकार सत्ता में आई थी. अब सवाल यह है कि क्या 800 रुपए के घरेलू सिलेंडर, 95 रुपए पेट्रोल, 88 रुपए डीजल, 60 रुपए/ली दूध को मोदी सरकार सस्ता मानती है.

भ्रष्टाचार खत्म हुआ?

पीएम मोदी अपने हर भाषण में भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात करते हैं. अभी चुनाव प्रचार में भी मोदी सरकार ने जगह-जगह होर्डिंग्स लगा रखे हैं, जिनपर लिखा है- ‘मोदी जी कहते हैं भ्रष्टाचारियों को हटाओ’. अब सोचने वाली बात है कि क्या पीएम मोदी का भ्रष्टाचार खत्म करने के वादे का मतलब भ्रष्ट नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लेना ही था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2014 के बाद बीजेपी में 25 ऐसे प्रमुख विपक्षी नेता शामिल हुए, जिनके खिलाफ भष्टाचार के मामले चल रहे थे. पर बीजेपी में शामिल होते ही इन नेताओं के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के केस या तो खत्म हो गए या ठंडे बस्ते में चले गए. इसका खुलासा खुद ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है.

जब भ्रष्टाचार की बात हो रही है तो हम इलेक्टोरल बॉन्ड स्कैम को कैसे भूल सकते हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार देते हुए इसपर रोक लगा दी और चुनाव आयोग को इसका डाटा पब्लिक प्लेटफॉर्म पर साझा करने का आदेश दिया. जिसके बाद देश के लोगों को पता चला कि कैसे मोदी सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर धंधा कर रही थी. खुद के ही बनाए नियमों को तोड़कर मोदी सरकार ने करोड़ों का घोटाला किया.

किसानों की आय दोगुनी हुई?

बीजेपी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. वो वादा कितना पूरा हुआ, इसकी झलक किसान आंदोलन ने दिखा दिया. मोदी राज में किसानों की आय तो दोगुनी नहीं हुई, पर उनकी आवाज को जरूर कुचल दिया गया. एमएसपी का वादा लेकर मोदी सरकार सत्ता में आई थी. जब किसानों ने उनका वही वादा याद दिलाया तो मोदी सरकार ने किसानों के रास्ते में कीले बिछा दीं, उनपर आंसू गैस के गोले बरसाए गए.

क्या आप सच जानने को तैयार हैं?

मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद भले ही अपने वादे नहीं पूरे किए, पर अपनी कमियों को दबाने के लिए सच्चाई को छुपाने का काम बहुत अच्छे से किया है. मोदी राज में देश की क्या हालत है, ये आपको नेशनल चैनल पर नहीं देखने को मिलेगा. अब आप देश की सच्चाई जानना चाहते हैं या फिर आंख बंद करके जुमलों पर यकीन करना चाहते हैं, ये आप पर निर्भर है. इन सारे सवालों के जवाब देखने और समझने के बाद आपको यह निश्चित करना है कि आप अब किसके हाथ में अपने देश की बागडोर सौंपना चाहते हैं.


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