Lok Sabha Election

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Lok Sabha Election 2024: 18वें लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने कई राज्यों में बेजोड़ प्रदर्शन किया है. इंडिया गठबंधन के शानदार प्रदर्शन की वजह से यूपी, महाराष्ट्र और राजस्थान में NDA गठबंधन को मुंह की खानी पड़ी है. यूपी में जहां इंडिया गठबंधन का सहयोगी दल सपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. वहीं, महाराष्ट्र में कांग्रेस ने झंडा बुलंद किया है.

महाराष्ट्र की 48 में से 13 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है. वहीं कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) 9 और एनसीपी (शरतचंद्र पवार) 8 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही है. पीएम मोदी की अगुवाई वाला गठबंधन महाराष्ट्र में 17 सीटों पर जीत हासिल कर पाया है. जब सिर्फ बीजेपी की बात करें तो उसे महज 9 सीटों पर जीत मिली हैं, इसके साथ ही, शिवसेना (शिंदे गुट) के सात उम्मीदवार सांसद चुने गए हैं. अजित पवार की एनसीपी को महज एक सीट पर जीत मिली.

नतीजे के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा

लोकसभा चुनाव के नतीजों के तुरंत बाद शिव सेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि गठबंधन के लिए प्रधानमंत्री पद का चेहरा तय करने के लिए इंडिया ब्लॉक बुधवार को बैठक करेगा. ठाकरे ने कहा कि आम आदमी ने जनादेश में अपनी ताकत दिखाई है और विपक्ष को केंद्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने की जरूरत है. वहीं बीजेपी और शिवसेना के कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को भी हार का सामना करना पड़ा.

महाराष्ट्र में खेल कर चुकी है बीजेपी

महाराष्ट्र की राजनीति में बीते पांच साल में कई करवट बदल चुकी है. 2019 में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद शिवसेना एनडीए गठबंधन से अलग हो गई थी. उद्धव ठाकरे की अगुवाई में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने महाविकास अघाड़ी का गठन किया और राज्य में सरकार बनाई. हालांकि यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर पाती, इससे पहले बिखर गई.

मालूम हो कि सरकार चलने के 2.5 साल बाद शिवसेना में टूट हो गई. शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों ने बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार का गठन किया. शिवसेना पर दावे को लेकर भी लड़ी गई कानूनी लड़ाई में उद्धव ठाकरे के हाथ निराशा आई. शिवसेना का नाम और सिंबल शिंदे गुट को मिला और उद्धव ठाकरे को नई पार्टी बनानी पड़ी.

उधर, पिछले साल एनसीपी में टूट देखने को मिली. अजित पवार एनसीपी के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों को लेकर राज्य की शिंदे सरकार में शामिल हो गए. कानूनी लड़ाई के बाद एनसीपी का नाम और सिंबल अजित पवार के हिस्से आया. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शरद पवार को नई पार्टी बनानी पड़ी और उन्होंने नए सिंबल पर चुनाव लड़ा. मालूम हो कि अक्टूबर में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव भी होने हैं.

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